बिहार-शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में राज्य के पहले डबल-डेकर फ्लाईओवर का उद्घाटन किया, जिसे 422 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। शहर के स्मार्ट मोबिलिटी मिशन में मील का पत्थर माने जाने वाले इस ढांचे का उद्देश्य राजधानी में यातायात की भीड़ को कम करना और कनेक्टिविटी में सुधार करना है।
ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
अशोक राजपथ, पीएमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी और साइंस कॉलेज के इलाकों में हमेशा जाम की समस्या रहती थी। इस डबल डेकर पुल से अब इन क्षेत्रों में ट्रैफिक सुगम होगा। छात्रों, मरीजों और आम लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। खासकर पीएमसीएच जाने वाले मरीजों और यूनिवर्सिटी के छात्रों को अब समय पर पहुंचने में आसानी होगी।
पटना मेट्रो से भी जुड़ाव
यह फ्लाईओवर भविष्य में पटना मेट्रो से भी जुड़ेगा। साइंस कॉलेज के पास मेट्रो स्टेशन के लिए लिफ्ट पिट बनाया जा रहा है। साथ ही, पीएमसीएच में मल्टी-लेवल कार पार्किंग की योजना है, जिससे पार्किंग की समस्या भी हल होगी। यह पुल जेपी गंगापथ से भी जुड़ेगा, जिससे कृष्णा घाट, गायघाट और पटना सिटी तक आवागमन आसान होगा।
स्मार्ट सिटी बनाने में होगा अहम कदम
पटना के लोग इस डबल डेकर पुल को लेकर उत्साहित हैं। यह बिहार का दूसरा डबल डेकर फ्लाईओवर है, पहला छपरा में बनाया गया था। 11 जून से तीन लेयर (जमीन, पहला और दूसरा तल) पर गाड़ियां दौड़ेंगी और भविष्य में नीचे मेट्रो भी चलेगी। यह प्रोजेक्ट पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
यह महात्मा गांधी सेतु, कंकड़बाग और आस-पास के क्षेत्रों से आने-जाने वालों के लिए सुगम यात्रा की सुविधा भी प्रदान करता है। व्यापक शहरी विकास योजनाओं के साथ एकीकृत यह गलियारा बाकरगंज, नाला रोड, बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाओं और महत्वपूर्ण संस्थानों को जोड़ता है, जिससे छात्रों, चिकित्सा पेशेवरों, व्यापारियों और दैनिक यात्रियों को समान रूप से लाभ होगा
नीतीश कुमार ने कहा
इसे “प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और सौंदर्य का संगम” बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यह परियोजना बिहार की उभरती पहचान का प्रतिनिधित्व करती है। उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा, “यह केवल एक पुल नहीं है, बल्कि एक दृष्टि है।
यह शहर में आवागमन को बदल देगा और पूरे राज्य में शहरी बुनियादी ढांचे के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा।” कारगिल चौक – साइंस कॉलेज खंड, विशेष रूप से, मध्य पटना में गतिशीलता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, यात्रा के समय को कम करेगा और प्रमुख अस्पतालों और कॉलेजों के आसपास के क्षेत्रों में आपातकालीन प्रतिक्रिया पहुंच में सुधार करेगा।
यह ऐतिहासिक परियोजना पटना की स्मार्ट सिटी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और आधुनिक, भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे पर बिहार के बढ़ते जोर को दर्शाती है।