खेती-किसानीपूर्वी राज्य

झारखंड के जिला कृषि पदाधिकारियों पर क्यों नाराज दिखीं कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की? गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी को किया शोकॉज

रांची: झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की पशुपालन भवन में रबी फसल पर आयोजित राज्य स्तरीय कर्मशाला में जिला कृषि पदाधिकारियों पर नाराज दिखीं. उन्होंने गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी को शोकॉज किया. जिला कृषि पदाधिकारियों के पास कृषि मंत्री के सवाल का जवाब नहीं था. कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और उसके लाभुकों की सही जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी नहीं दे सके. कर्मशाला में अनुपस्थित गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी को शोकॉज किया गया है. रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में रबी फसल पर राज्य स्तरीय कर्मशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को रबी फसल की सही जानकारी देना और उन्नत कृषि की ओर कदम बढ़ाना था. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगली बार योजना से संबंधित पूरी जानकारी के साथ बैठक में शामिल हों.
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने जब रबी फसल पर राज्य स्तरीय कर्मशाला को संबोधित करना शुरू किया तो उन्होंने सबसे पहले जिला कृषि पदाधिकारी से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में पूछना शुरू किया. बोकारो जिला कृषि पदाधिकारी से इसकी शुरुआत की गयी. उन्होंने पूछा कि योजना क्या है और इसके तहत कितने लाभुकों को लाभ मिला? वह जमीनी हकीकत जानना चाहती थीं, लेकिन अधिकारी इसका जवाब नहीं दे सके. इसके बाद मंत्री ने धनबाद, दुमका, गोड्डा सहित कई जिलों से विभागीय योजना से संबंधित सवाल पूछे. किसी के पास मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं था. इस दौरान वह काफी नाराज दिखीं.
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अधिकारी दफ्तर में ईमानदारी से काम करें. गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी के कर्मशाला में अनुपस्थित रहने पर शोकॉज करने का निर्देश दिया. मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि वह जब भी इस तरह की कार्यशाला में शिरकत करने आएं, तो पूरी तैयारी के साथ आएं. पहले ही विभागीय अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन फील्ड विजिट करने का निर्देश दिया गया था. इसे हर हाल में पूरा करना है. 31 दिसंबर तक अलग-अलग कार्यशाला आयोजित करने का लक्ष्य दिया गया है. उसके बाद 2 से 3 जनवरी तक राज्य कृषि निदेशक को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. इस रिपोर्ट में धरातल पर योजना की हकीकत और लाभुकों की संख्या को विशेष तौर पर अंकित किया जाएगा.

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