
Bihar Teacher News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। चनपटिया में शिक्षकों के तबादले की सूची में गड़बड़ी के कारण दो महिला शिक्षिकाओं का तबादला निजी स्कूलों में कर दिया गया। जब ये शिक्षिकाएं नौकरी जॉइन करने पहुंचीं, तब इस गलती का खुलासा हुआ। इस मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह मुद्दा सियासी तूल पकड़ सकता है। विभाग ने गलती मान ली है और सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गलत तबादले से मचा हड़कंप
पश्चिम चंपारण के चनपटिया में तबादला सूची में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। दो महिला शिक्षिकाओं का तबादला सरकारी स्कूल की बजाय निजी स्कूलों में कर दिया गया। जब वे नौकरी जॉइन करने पहुंचीं, तो पता चला कि उनके नाम प्राइवेट स्कूलों में हैं। इस खुलासे से शिक्षक और स्थानीय लोग हैरान हैं। शिक्षा विभाग ने माना कि यह तकनीकी गलती थी और अब तबादला सूची को ठीक किया जा रहा है। लेकिन इस लापरवाही ने विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
Bihar Teacher: अन्य शिक्षकों को भी समस्याएं
तबादला सूची की गड़बड़ी सिर्फ इन दो शिक्षिकाओं तक सीमित नहीं है। कई शिक्षकों, खासकर कैंसर पीड़ित और महिला शिक्षकों को जिला आवंटित होने के बावजूद स्कूल नहीं मिला। पुरुष शिक्षकों के साथ भी भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग शिक्षा विभाग की इस लापरवाही की आलोचना कर रहे हैं। बिहार में विपक्षी दल जैसे RJD इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर हमला बोल सकते हैं, क्योंकि यह जनता और शिक्षकों से जुड़ा संवेदनशील मामला है।
सरकार और विभाग का रुख
शिक्षा विभाग ने गलती स्वीकार कर ली है और कहा कि जल्द ही तबादला सूची में सुधार किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिक्षकों को सही स्कूल आवंटित हों। बिहार सरकार ने हाल ही में शिक्षकों के तबादले के लिए नई गाइडलाइन भी जारी की है, लेकिन इस तरह की गलतियां व्यवस्था पर सवाल उठा रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले यह मामला नीतीश सरकार के लिए चुनौती बन सकता है। लोग अब यह देख रहे हैं कि क्या सरकार इस लापरवाही को जल्द सुधारेगी।