भोजपुर में गंगा कटाव से तबाही: जवैनिया गांव के लोग बेघर, पप्पू यादव ने पहुंचाई मदद

बिहार के भोजपुर जिले में गंगा नदी का कटाव भयावह रूप ले चुका है। शाहपुर प्रखंड स्थित जवैनिया गांव पूरी तरह से खतरे की जद में आ गया है। कभी सैकड़ों परिवारों से गुलजार रहने वाला यह गांव अब गंगा में समा जाने के कगार पर है। लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने हालात को और विकराल बना दिया है। गांव के कई हिस्से गंगा की तेज धारा में बह चुके हैं, जिससे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं।
कई मकान पलक झपकते ही गंगा में समा गए
शुक्रवार को पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जब प्रभावित गांव का दौरा किया, तो हालात देखकर वे भी दंग रह गए। उनके सामने ही कुछ घर गंगा की धारा में समा गए। उन्होंने कहा कि गंगा की रफ्तार इतनी तेज है कि पक्के मकान भी चंद सेकंड में धराशायी हो जा रहे हैं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों के अनुसार, कटाव ने इतनी तेजी पकड़ी है कि हर घंटे एक नया हिस्सा नदी में समा रहा है।
सरकारी राहत योजनाओं पर उठे सवाल
गांव के हालात देखने के बाद पप्पू यादव ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सैकड़ों करोड़ की बाढ़ राहत योजनाएं कागजों में सिमटी रह गई हैं। जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। यहां के नेता आम लोगों की परेशानियों को समझने के बजाय बयानबाजी में उलझे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता के चलते हजारों लोग बेघर हो गए हैं और खाने-पीने तक की सुविधा नहीं मिल पा रही।
पप्पू यादव ने दी आर्थिक मदद
हालात की गंभीरता को देखते हुए पप्पू यादव ने प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने की पहल की। उन्होंने अपने स्तर से गंगा कटाव में अपना घर गंवाने वाले परिवारों को 20-20 हजार रुपये की मदद दी। इसके अलावा कई अन्य जरूरतमंद लोगों को भी खाद्य सामग्री और आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि जवैनिया गांव को आपदा ग्रस्त घोषित कर तत्काल राहत अभियान चलाया जाए।
ग्रामीणों की अपील: सरकार दे ठोस आश्वासन
गांव के पीड़ितों ने प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाए और मुआवजा दिया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल गंगा के कटाव से उनका जीवन बर्बाद हो जाता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला गया।