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बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता होंगे बाहर: विशेष पुनरीक्षण अभियान में हुआ बड़ा खुलासा

बिहार में आगामी चुनावों की तैयारी जोरों पर है और इसी क्रम में चल रहे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR 2025) अभियान के पहले चरण में बड़ा खुलासा हुआ है। चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार की मतदाता सूची से 65 लाख से अधिक नाम हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मृत, स्थानांतरित और दोहरी प्रविष्टियों वाले मतदाता होंगे बाहर

इस व्यापक पुनरीक्षण के दौरान जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके अनुसार 22 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं। 35 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं, जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनका कोई पता नहीं चल रहा है। करीब 7 लाख मतदाता दो स्थानों से पंजीकृत पाए गए। 1.2 लाख मतदाताओं ने गणना फॉर्म समय पर नहीं भरा। यह सभी नाम आगामी मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं, ताकि चुनाव में गड़बड़ी और दोहराव से बचा जा सके।

99.98% मतदाताओं तक पहुंचा आयोग

चुनाव आयोग ने दावा किया है कि इस अभियान के तहत बिहार के 99.98 प्रतिशत मतदाताओं से संपर्क किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को सफल बनाने में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन पंजीयन अधिकारी, बीएलओ, बीएलए और वॉलंटियर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

प्रारूप सूची एक अगस्त को, अंतिम सूची 30 सितंबर को

1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची को लेकर एक सितंबर 2025 तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके बाद आयोग द्वारा 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और सामान्य मतदाताओं से अपील की है कि अगर प्रारूप सूची में किसी तरह की गलती है—चाहे नाम जुड़ गया हो या हट गया हो—तो वे संबंधित मतदाता पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) के पास जाकर निर्धारित फॉर्म भरकर सुधार करा सकते हैं।

प्रमुख दलों को दी गई संदिग्ध मतदाताओं की सूची

आयोग का कहना है कि 20 जुलाई को 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को संभावित मृत, स्थानांतरित और दोहराव वाले मतदाताओं की सूची सौंप दी गई थी। उनसे अनुरोध किया गया है कि यदि उनके पास कोई ठोस जानकारी हो तो वह स्थानीय बीएलओ को तत्काल सूचित करें।

बिहार में कुल मतदाता

फिलहाल बिहार में कुल 7.90 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 65 लाख मतदाता संभावित रूप से सूची से बाहर किए जा सकते हैं। आयोग का उद्देश्य पारदर्शी, त्रुटिहीन और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है, जिससे आगामी चुनाव निष्पक्ष और सही ढंग से संपन्न हो सकें।

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