करमा पर्व पर मंत्री चमरा लिंडा का बड़ा ऐलान, आदिवासी छात्रों को मिलेगी रिसर्च स्कॉलरशिप

रांची: झारखंड के आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय (टीआरएल) में आयोजित करमा पर्व के अवसर पर आदिवासी और मूलवासी समाज के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को रिसर्च के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके साथ ही अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़े रहने के लिए वाद्ययंत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
लिंडा ने कहा कि आदिवासी सभ्यता और संस्कृति बेहद समृद्ध है, लेकिन मौजूदा समय में पाश्चात्य प्रभाव के कारण कई परंपराएं खतरे में हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे करम पर्व जैसे आयोजनों के जरिए अपनी जड़ों से जुड़े रहें और नशा जैसी कुरीतियों से दूरी बनाए रखें। मंत्री ने कहा कि करमा पर्व सिर्फ उत्सव नहीं बल्कि प्रकृति और संस्कृति से जुड़ने का एक माध्यम है।
रांची विश्वविद्यालय के टीआरएल संकाय में करमा पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। विद्यार्थियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों और गीतों के साथ प्रकृति पूजा की और भाई-बहन के रिश्ते का यह पर्व शैक्षणिक माहौल में मनाया। करम कथा का वाचन किया गया और विश्वविद्यालय के नौ भाषाओं के विभागों के छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
मंच संचालन डॉ. उमेशनंद तिवारी और डॉ. रीझू नायक ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. धर्मेन्द्र कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ. सुरेश कुमार साहु, पूर्व कुलपति डॉ. त्रिवेणी नाथ साहु, कुलसचिव डॉ. गुरुचरण साहु, पद्मश्री मधुमंसुरी हंसमुख, पद्मश्री महावीर नायक सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
मंत्री चमरा लिंडा की इस घोषणा को आदिवासी और मूलवासी समाज के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग देगा बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने का भी अवसर प्रदान करेगा।
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