Trendingराजनीतिराष्ट्रीय

क्या है जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की असली वजह? महिभियोग से क्या नाता…

सोमवार देर शाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि सार्वजनिक रूप से उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि असली वजह सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव था।

बतौर राज्यसभा सभापति, धनखड़ ने विपक्ष की ओर से लाए गए उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव पर 63 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर थे। हैरानी की बात यह रही कि सरकार के फ्लोर मैनेजरों को इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी। यहां तक कि धनखड़ ने यह भी प्रयास किया कि महाभियोग की कार्यवाही राज्यसभा से ही शुरू हो, जिससे विपक्ष को सीधा लाभ मिलता।

क्या जस्टिस वर्मा ही थे इस्तीफे की असली वजह?

धनखड़ द्वारा प्रस्ताव स्वीकारने के बाद कुछ ऐसी घटनाएं घटीं, जिनसे वे आहत महसूस कर सकते थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सोमवार शाम 6 बजे तक सरकार को अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी थी और रात 9:25 बजे इसे सार्वजनिक कर दिया गया। माना जा रहा है कि जस्टिस वर्मा का मामला ही इस नाटकीय इस्तीफे का मुख्य कारण बना।

सरकार पहले ही संकेत दे चुकी थी कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाया जाएगा, और उसकी योजना थी कि पहले यह प्रस्ताव लोकसभा में पारित हो, फिर राज्यसभा में लाया जाए। लेकिन धनखड़ ने राज्यसभा से शुरुआत करने का रास्ता खोल दिया।

सरकार को मिली थी भनक?

मंगलवार को जब लोकसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष के कुल 145 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ महाभियोग प्रस्ताव दाखिल किया गया, तब साफ हो गया कि सरकार ने विपक्ष के साथ सहमति बना ली है। इसमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर और राहुल गांधी जैसे नेता शामिल थे। लेकिन राज्यसभा में जब धनखड़ ने 63 सांसदों के हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव को स्वीकार करने की घोषणा की, तो यह सरकार के लिए चौंकाने वाला कदम साबित हुआ।

महत्वपूर्ण यह है कि राज्यसभा वाले प्रस्ताव में भाजपा या एनडीए के किसी भी सांसद का नाम नहीं था। माना जा रहा है कि भाजपा के फ्लोर मैनेजरों से इस मामले में चूक हुई, और सरकार को उम्मीद थी कि धनखड़ का कार्यालय इसकी जानकारी देगा।

पहले से मुखर रहे थे धनखड़

धनखड़ जस्टिस वर्मा के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए थे और इस मुद्दे को राज्यसभा से ही उठाना चाहते थे। हालांकि, इससे एक नई जटिलता पैदा हो सकती थी, क्योंकि राज्यसभा में विपक्ष ने पहले से ही जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ भी महाभियोग का नोटिस दाखिल कर रखा है।

मंत्रणा समिति में नहीं पहुंचे मंत्री

सूत्रों के अनुसार, धनखड़ के फैसले से नाखुश सरकार ने अपनी नाराजगी जाहिर भी कर दी थी। बताया जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने धनखड़ को सूचित किया कि वे और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू मंत्रणा सलाहकार समिति की बैठक में शामिल नहीं होंगे। यह एक स्पष्ट संदेश था।

इसके अलावा, धनखड़ के कुछ बयानों और आक्रामक रवैये से भी सरकार असहज महसूस कर रही थी। कहा जा रहा है कि इसी नाराजगी के चलते धनखड़ ने एकतरफा फैसला लेते हुए इस्तीफा दे दिया।

ये भी पढ़ें: Bihar Election 2025: बिहार में सियासी हलचल, राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को दी निशांत को सीएम बनाने की सलाह, तेज प्रताप ने किया समर्थन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!