
जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद पूरे देश की निगाहें इस सवाल पर टिकी हैं—भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? जैसे ही धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया। कई नाम सामने आने लगे, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। लेकिन अब भाजपा और एनडीए के शीर्ष सूत्रों ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए बड़ा संकेत दिया है।
भाजपा का होगा अगला उपराष्ट्रपति
CNN-News18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगला उपराष्ट्रपति भारतीय जनता पार्टी (BJP) से ही होगा। एनडीए के अंदरूनी सूत्रों ने यह साफ कर दिया है कि न तो जेडीयू के नीतीश कुमार और न ही एनडीए के किसी अन्य नेता को इस पद के लिए विचाराधीन माना जा रहा है। इसका सीधा मतलब यह है कि भाजपा इस पद पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखना चाहती है।
उम्मीदवार के लिए तय हैं कड़े मापदंड
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसे चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी में है, जो पार्टी की विचारधारा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हो और जिसे संसदीय प्रणाली और संवैधानिक प्रक्रियाओं का गहरा अनुभव हो। यह पद अगले पांच सालों के लिए होगा, इसलिए उम्मीदवार का चयन बहुत सोच-समझकर और रणनीतिक आधार पर किया जाएगा।
एनडीए में आम सहमति
एनडीए के सभी सहयोगी दलों—जैसे टीडीपी, जेडीयू, लोजपा आदि—ने भी इस मुद्दे पर भाजपा के निर्णय को स्वीकार कर लिया है। सूत्रों ने यह भी साफ किया कि किसी सहयोगी दल के नेता के नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह पूरी तरह भाजपा का फैसला होगा।
अंतिम मुहर लगाएंगे प्रधानमंत्री मोदी
भाजपा के संभावित उम्मीदवार को लेकर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेश वापसी के बाद लिया जाएगा। फिलहाल पीएम मोदी यूके और मालदीव के दौरे पर हैं और 26 जुलाई को लौटने की संभावना है। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श कर उपराष्ट्रपति के नाम का ऐलान किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने शुरू की तैयारी
उधर, निर्वाचन आयोग ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बुधवार को इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई। हालांकि, चुनाव की तिथि अभी तय नहीं हुई है। आयोग की प्रक्रिया के अनुसार, अब जल्द ही नामांकन, स्क्रूटनी और मतदान की तारीखों की घोषणा की जाएगी।
क्यों देना पड़ा इस्तीफा?
21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत अपने पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने खराब स्वास्थ्य को कारण बताया, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। खासकर विपक्ष का दावा है कि उन्हें सरकार के दबाव में यह कदम उठाना पड़ा, क्योंकि उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।