पूर्वी सिंहभूम में नक्सलियों का हथियारों का जखीरा बरामद, पुलिस ने साजिश को दिया धक्का
झारखंड, जंगल में मिला नक्सलियों का हथियारों का बड़ा भंडार, इंसास राइफल जब्त
Jharkhand News: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की संयुक्त टीम ने जंगलों में छिपे नक्सलियों के हथियारों और गोला-बारूद का भंडार खोज निकाला। यह खोज प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की खतरनाक योजना को विफल करने वाली साबित हुई। नक्सली इन हथियारों से सुरक्षा टीमों पर हमला करने की फिराक में थे। पुलिस ने 17 अक्टूबर को अभियान चलाकर यह जखीरा जब्त किया। इससे नक्सलवाद के खिलाफ राज्य में सख्ती का संदेश गया है। झारखंड के जंगली इलाकों में अब शांति की उम्मीद बढ़ गई है।
Jharkhand News: नक्सलियों की साजिश नाकाम
पूर्वी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु को गुप्त खबर मिली थी कि माओवादी संगठन के उग्रवादी जंगलों में हथियार जमा कर रहे हैं। वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की तैयारी में थे। इस जानकारी पर एसपी ने तुरंत एक्शन लिया। 16 अक्टूबर को विशेष दस्ते का गठन हुआ, जिसमें चाईबासा थाने की पुलिस, सीआरपीएफ के जवान, झारखंड जगुआर और बम डिस्पोजल स्क्वायड शामिल किए गए। अगले दिन सुबह जेटेया थाना क्षेत्र के बुरूबोरता जंगल और आसपास के पहाड़ी इलाकों में सर्च शुरू हो गया।
टीम ने घने जंगलों में छिपे सामान को खोजा। बम निरोधक दस्ते की मदद से सुरक्षित तरीके से सब जब्त किया गया। एसपी अमित रेणु ने बताया कि यह ऑपरेशन नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर करने वाला कदम है। जंगल इलाकों में लगातार गश्त चल रही है। इससे स्थानीय लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नक्सलवाद से परेशान गांवों में अब विकास का रास्ता साफ हो रहा है।
बरामद सामान में इंसास राइफल और गोलियां
सर्च के दौरान टीम को भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामान मिले। इनमें एक इंसास राइफल, अलग-अलग कैलिबर की जिंदा और खाली गोलियां, मैगजीन शामिल हैं। इसके अलावा काला कपड़ा (सीलिंग), फुलथ्रू, सिरींज, पीटू बैग, कंबल, पाउच, नोटबुक और किताबें भी बरामद हुईं। ये सामान नक्सलियों के दैनिक उपयोग और हमलों के लिए जमा किए गए थे। पुलिस का मानना है कि यह जखीरा कई हमलों को रोकने वाला साबित हुआ।
इस बरामदगी से माओवादी संगठन को करारा धक्का लगा। झारखंड जगुआर के एक अधिकारी ने कहा कि नक्सली अब कमजोर पड़ रहे हैं। सरेंडर पॉलिसी के तहत उन्हें मुख्यधारा में लौटने का मौका दिया जा रहा है। लेकिन अगर वे हिंसा जारी रखेंगे, तो सख्त कार्रवाई होगी। यह घटना पूरे राज्य के लिए सकारात्मक संदेश है।
नक्सलियों को अपील: हिंसा छोड़ें, मुख्यधारा अपनाएं
पुलिस ने नक्सलियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना का फायदा उठाएं। सरेंडर करने वालों को आर्थिक मदद, नौकरी प्रशिक्षण और सुरक्षा दी जाती है। एसपी रेणु ने चेतावनी दी कि नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज होगा। जंगल क्षेत्रों में सतत गश्त और सर्च जारी रहेंगे। कोई भी उग्रवादी सक्रिय नहीं होगा।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जैसे इलाकों में नक्सलवाद लंबे समय से समस्या था। इससे सड़कें, स्कूल और अस्पताल प्रभावित होते थे। लेकिन पुलिस की मेहनत से अब बदलाव आ रहा है। स्थानीय आदिवासी और किसान खुश हैं कि अब वे बिना डर के जी सकेंगे। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीति से नक्सलवाद उखड़ रहा है। यह सफलता सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाएगी। झारखंड में शांति और विकास का नया दौर शुरू हो, यही सबकी चाहत है।



