अफगान विदेश मंत्री की भारत यात्रा से पाकिस्तान बौखलाया, ख्वाजा आसिफ ने अफगानों को बताया भारत का ‘मुरीद’

डेस्क: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तीखा बयान देते हुए अफगान जनता को भारत का मुरीद और पाकिस्तान का दुश्मन करार दिया। उन्होंने कहा कि चाहे अतीत हो या वर्तमान, अफगान हमेशा भारत के प्रति वफादार और पाकिस्तान के खिलाफ ही खड़े रहे हैं। उनके इस बयान से भारत-अफगान रिश्तों पर पाकिस्तान की बेचैनी साफ झलक रही है।
ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से बातचीत में पूर्व पाकिस्तानी सरकारों पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिकी दबाव में आकर अफगानों को पाकिस्तान में शरण दी, जिसका नतीजा अब भुगतना पड़ रहा है। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत और तालिबान के बीच गहराता रिश्ता उसके लिए सामरिक और राजनीतिक खतरा बन सकता है।
अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे मुत्ताकी की यह यात्रा तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत की ओर से अफगान सरकार के साथ जुड़ाव की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
इस दौरान वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर उनका स्वागत करते हुए कहा कि भारत-अफगानिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है।
मुत्ताकी की यात्रा के दौरान दारुल उलूम देवबंद मदरसा का दौरा और आगरा में ताजमहल का भ्रमण शामिल है। वे भारत में अफगान समुदाय और कारोबारियों से भी मुलाकात करेंगे। भारत के साथ विकास सहयोग और व्यापार को लेकर भी बातचीत होने की संभावना है।
यूएन की मंजूरी से हुआ दौरा संभव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को यात्रा प्रतिबंध से अस्थायी छूट दी थी। इस अनुमति के बाद उनकी भारत यात्रा संभव हो सकी। गौरतलब है कि तालिबान के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं पर अभी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू हैं और विदेश यात्राओं के लिए विशेष मंजूरी लेनी पड़ती है।
अमीर खान मुत्ताकी की यह भारत यात्रा दक्षिण एशिया की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है। जहां भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में मजबूती आएगी, वहीं पाकिस्तान इसे अपने लिए बड़ी कूटनीतिक हार के रूप में देख रहा है।