https://whatsapp.com/channel/0029VajZKpiKWEKiaaMk4U3l
International
Trending

100% Tariff on Pharma Products: ट्रंप का 'टैरिफ बम', भारत से आने वाली दवाओं पर लगाया 100% टैक्स, भारतीय फार्मा उद्योग को बड़ा झटका

1 अक्टूबर से ब्रांडेड दवाओं पर टैक्स, US प्लांट बनाएं तो छूट; सन फार्मा, डॉ रेड्डी को नुकसान

100% Tariff on Pharma Products: H1B वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी के बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत के साथ व्यापारिक तनाव को और बढ़ाते हुए एक और बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने भारत और चीन समेत अन्य देशों से आयात होने वाले फार्मास्युटिकल उत्पादों और कच्चे माल (APIs) पर 100 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की है। इस फैसले को भारतीय फार्मा उद्योग के लिए एक ‘बम’ की तरह माना जा रहा है, जो अमेरिका को जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

क्या है ट्रंप का नया फैसला?

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक घोषणापत्र के अनुसार, अमेरिका में आयात होने वाली सभी तैयार दवाओं (finished medicines) और दवाओं को बनाने में इस्तेमाल होने वाले एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (APIs) पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि भारत से अमेरिका जाने वाली दवाओं की लागत दोगुनी हो जाएगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं, जिससे इस दौरे पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

‘अमेरिका फर्स्ट’ और चीन पर निर्भरता खत्म करने की दलील

ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के पीछे अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है। प्रशासन का तर्क है कि अमेरिका अपनी जरूरी दवाओं की सप्लाई के लिए चीन और भारत जैसे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। इस टैरिफ का उद्देश्य विदेशी दवाओं को महंगा करना है, ताकि अमेरिकी कंपनियां देश में ही दवा निर्माण के लिए प्रोत्साहित हों और अमेरिका की दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हो।

भारतीय फार्मा उद्योग पर पड़ेगा सबसे बुरा असर

इस फैसले का सबसे विनाशकारी प्रभाव भारतीय फार्मा उद्योग पर पड़ेगा, जिसे ‘दुनिया की फार्मेसी’ भी कहा जाता है। अमेरिका, भारतीय जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा बाजार है। भारतीय कंपनियां जैसे सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, और सिप्ला हर साल अरबों डॉलर की दवाएं अमेरिका को निर्यात करती हैं। 100 प्रतिशत टैरिफ के बाद, भारतीय दवाएं अमेरिकी बाजार में बेहद महंगी और गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाएंगी, जिससे भारतीय कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान होने की आशंका है।

अमेरिकी नागरिकों के लिए भी बुरी खबर, महंगी होंगी दवाएं

हालांकि यह फैसला अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देने के नाम पर लिया गया है, लेकिन इसका सीधा असर अमेरिकी नागरिकों की जेब पर भी पड़ेगा। भारत से आने वाली सस्ती जेनेरिक दवाओं के कारण ही अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा का खर्च नियंत्रण में रहता है। इस टैरिफ के बाद, अमेरिकी लोगों के लिए कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारियों जैसी गंभीर बिमारियों की दवाएं दोगुनी महंगी हो सकती हैं, जिससे वहां एक नया स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है।

100% Tariff on Pharma Products: पीयूष गोयल की यात्रा पर बढ़ा दबाव, भारत उठाएगा कड़ा कदम

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, जो एक व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका में हैं, उनके लिए अब यह दौरा एक बड़ी कूटनीतिक चुनौती बन गया है। H1B वीजा के बाद अब फार्मा टैरिफ के मुद्दे पर भारत सरकार पर कड़ा रुख अपनाने का दबाव है। उम्मीद है कि भारत इस एकतरफा फैसले का विश्व व्यापार संगठन (WTO) समेत सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पुरजोर विरोध करेगा और जवाबी कार्रवाई पर भी विचार कर सकता है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!