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मजदूरों के पहचान पत्रों का दुरुपयोग: 196 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला

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गुजरात:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मजदूरों के पहचान पत्रों का उपयोग करके बैंक खाते खोलने और लगभग 196 करोड़ रुपये के ट्रांसफर के मामले में अहमदाबाद और मुंबई में छापे मारे हैं। इस कार्रवाई में ईडी ने करीब 13.7 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं।

मामले का विवरण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोप है कि मजदूरों के पहचान पत्रों का दुरुपयोग कर उनके नाम पर बैंक खाते खोले गए थे। इन खातों का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर धनराशि का ट्रांसफर किया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी मालेगांव निवासी सिराज मेमन है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

अन्य आरोपी और गिरफ्तारी

ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में भेसनिया वली मोहम्मद को भी गिरफ्तार किया, जिसने हवाला चैनल के लिए बैंकों से करोड़ों रुपये की निकासी की थी। वली मोहम्मद एक वेतनभोगी कर्मचारी है, जिसे प्रति माह 33,000 रुपये वेतन मिलता था, लेकिन वह अपने एम्प्लॉयर के निर्देश पर करोड़ों रुपये की निकासी में शामिल था। वली मोहम्मद की पहचान कंपनी में प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में की गई है, जिसे मोहम्मद समद या “चैलेंजर किंग” के नाम से भी जाना जाता है।

जांच की प्रक्रिया

यह मामला तब सामने आया जब उन कर्मचारियों ने, जिनकी KYC (Know Your Customer) जानकारी का दुरुपयोग किया गया था, पुलिस को लेन-देन की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने सिराज मेमन को गिरफ्तार किया, जो चाय की दुकान का मालिक है और इन खातों को खोलने में संलिप्त था। ईडी अधिकारियों को संदेह है कि हवाला चैनल चलाने वाले अन्य लोग भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं।

आगे की कार्रवाई

ईडी अब गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस मामले के सरगनाओं तक पहुंचने के प्रयास में जुटी है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है और इससे जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।

इस मामले ने वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है।

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