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आइंस्टीन क्लब का पुनर्गठन एवं जलवायु परिवर्तन पर संगोष्ठी का सफल आयोजन

घाटशिला: आज आइंस्टीन क्लब के तत्वावधान में जलवायु परिवर्तन पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी के सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, पर्यावरण संरक्षण, और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता लाने का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी के उद्देश्यों और लक्ष्यों की प्रस्तुति के साथ हुई, जिसे उदित नारायण गोप ने प्रस्तुत किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझाने के साथ ही वैज्ञानिक सोच और तर्कशीलता के महत्व पर बल दिया।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एस.आर. दत्ता ने “पर्यावरण प्रदूषण का प्राकृतिक चयन पर प्रभाव” विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अपने व्याख्यान में प्रदूषण के कारण जैव विविधता और प्राकृतिक चयन पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण किया। इस दौरान उन्होंने इस विषय पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

रोमेन गिरी ने अपने प्रभावशाली भाषण में जलवायु परिवर्तन और पूंजीवाद के बीच के संबंधों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आर्थिक नीतियों ने हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। डॉ. कन्हाई बारिक ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्कशीलता को समाज में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक बताया। संदीप पात्र ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों को सरल तरीके से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में कार्तिक चंद्र गोप ने अंधविश्वास के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और इस बात पर चर्चा की कि किस प्रकार अंधविश्वास समाज के प्रगतिशील विकास में बाधा बनता है। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर आइंस्टीन क्लब का पुनर्गठन भी किया गया। नवगठित समिति में अध्यक्ष के रूप में एस.आर. दत्ता को चुना गया। उपाध्यक्ष के रूप में अनूप पटनायक, रुकनाथ तिवारी, कार्तिक गोप, चंदन कुंडू, मानस साहू और श्रीमती अराधना दास को शामिल किया गया। अमित दलई को सचिव, अरिजीत मित्रा और उदित नारायण गोप को संयुक्त सचिव, जबकि रोमेन गिरी को कार्यालय सचिव बनाया गया। सुनाराम हेम्ब्रम को कोषाध्यक्ष और संजय सोरेन को मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई।

कार्यक्रम का समापन मानस कुमार साहू के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस संगोष्ठी ने समाज में जलवायु परिवर्तन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

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