Search
Close this search box.

Historical step of the transgender community in Chaibasa: नौकरी, सम्मान और समानता की बुलंद आवाज

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

चाईबासा:कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा शहर में गुरुवार को इतिहास रचते हुए पहली बार किन्नर समुदाय द्वारा भव्य प्राइड मार्च का आयोजन किया गया। इस अनूठे और साहसिक कदम में पश्चिमी सिंहभूम सहित आसपास के जिलों से आए किन्नर प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह मार्च केवल एक जुलूस नहीं, बल्कि समाज में गरिमा, समानता और अधिकारों की मांग को लेकर उठाई गई एक सशक्त आवाज थी।
सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार की मांग
प्राइड मार्च के दौरान किन्नर समुदाय ने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में आरक्षण दिया जाए ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। प्रतिनिधि कमली ने कहा कि कॉरपोरेट संस्थानों को भी किन्नरों के लिए रोजगार के दरवाजे खोलने चाहिए। उन्होंने कहा, “हम केवल दया नहीं, बल्कि समान अवसर चाहते हैं।”
भेदभाव के खिलाफ जागरूकता और संघर्ष
मार्च के दौरान किन्नरों ने हाथों में तख्तियां लेकर और नारे लगाकर अपने अधिकारों की मांग को खुलेआम सामने रखा। “सम्मान चाहिए, भीख नहीं”, “हम भी इंसान हैं, हमें भी अधिकार दो” जैसे नारों ने पूरे वातावरण को आंदोलित कर दिया। उनका यह प्रयास समाज में फैली असमानता और भेदभाव के खिलाफ एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल
यह आयोजन किन्नर समुदाय के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। पहली बार इतने बड़े स्तर पर उन्होंने संगठित होकर समाज के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की और गरिमा के साथ जीने का अधिकार मांगा। चाईबासा का यह प्राइड मार्च आने वाले समय में अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किन्नर समुदाय अब चुप नहीं बैठेगा – वे अपने हक के लिए संगठित हैं, सजग हैं और संघर्ष के लिए तैयार हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें

Buzz4 Ai