
Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में इस्तेमाल होने वाली 4.41 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की पहली जांच पूरी कर ली है। यह खबर बिहार के गांवों और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी है, क्योंकि यह निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव से जुड़ी है। आइए इस खबर की पूरी जानकारी को समझते हैं।
EVM जांच का काम पूरा
बिहार में 2 मई से 25 जून तक सभी जिलों में EVM की पहली स्तरीय जांच (FLC) की गई। इस दौरान 4.41 लाख EVM की जांच हुई, जिसमें VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनें भी शामिल थीं। यह जांच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। जांच के बाद मशीनों को सुरक्षित गोदामों में रखा गया है, जहां सीसीटीवी से निगरानी हो रही है। इससे मतदान पूरी तरह निष्पक्ष और सुरक्षित होगा।
नई तकनीक से मतदान को बनाया सुरक्षित
चुनाव आयोग ने EVM की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया है। इसमें फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) मतदाताओं की पहचान के लिए, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) वोटों की गिनती के लिए, और डिजिटल लॉक EVM गोदामों की सुरक्षा के लिए शामिल हैं। इसके अलावा, बिहार में पहली बार मोबाइल ऐप से ई-वोटिंग की सुविधा भी शुरू हुई है, जो 28 जून को नगरपालिका चुनाव में आजमाई जा रही है।
Bihar Election News: लोगों को क्या फायदा होगा?
EVM की पूरी जांच से बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित होगा। ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग बिना किसी डर के अपने वोट डाल सकेंगे। मोबाइल ई-वोटिंग से बुजुर्ग, दिव्यांग और प्रवासी मजदूर घर बैठे वोट दे सकेंगे। यह सुविधा पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में शुरू हो चुकी है। इससे वोटिंग की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।