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Jharkhand News: झारखंड में रेलवे की नई सौगात, दक्षिण पूर्व रेलवे में 12 नई रेल लाइनों को मंजूरी मिली

दक्षिण पूर्व रेलवे ने झारखंड में 12 नई रेल लाइनों को मंजूरी दी, कोडरमा-बरकाकाना डबलिंग सहित

Jharkhand News: झारखंड के लोगों के लिए खुशखबरी! दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) ने 12 नई रेल लाइनों को मंजूरी दी है, जिससे राज्य में रेल यात्रा और माल ढुलाई आसान हो जाएगी। इन परियोजनाओं से जमशेदपुर, रांची, धनबाद जैसे शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी रेल नेटवर्क मजबूत होगा। यह कदम झारखंड के विकास को नई गति देगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

12 नई रेल लाइनों की मंजूरी

रेल मंत्रालय ने दक्षिण पूर्व रेलवे के तहत 12 नई रेल लाइनों के लिए मंजूरी दी है। इनमें से कई परियोजनाएं झारखंड के विभिन्न जिलों को कवर करेंगी। इन रेल लाइनों में डबलिंग, नई लाइन और बाईपास लाइन शामिल हैं, जो रेल यातायात को तेज और सुगम बनाएंगी। खास तौर पर कोडरमा-बरकाकाना डबलिंग (133 किमी) जैसी परियोजनाएं झारखंड के कोयला क्षेत्रों को पटना और रांची से जोड़ेंगी। इन परियोजनाओं की कुल लागत हजारों करोड़ रुपये है।

झारखंड के लिए क्या फायदा?

इन नई रेल लाइनों से झारखंड में यात्रा का समय कम होगा और माल ढुलाई सस्ती होगी। जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहरों में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि मालगाड़ियों का आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी बढ़ने से लोग आसानी से बड़े शहरों तक पहुंच सकेंगे। इससे रोजगार और शिक्षा के अवसर भी बढ़ेंगे। रेलवे ने कहा कि ये परियोजनाएं 1408 गांवों और करीब 28 लाख लोगों को फायदा पहुंचाएंगी।

Jharkhand News: रेलवे की अन्य योजनाएं

दक्षिण पूर्व रेलवे ने हाल ही में राउरकेला-बंदमुंडा के बीच 9.3 किमी की चौथी लाइन का काम पूरा किया है, जिससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। इसके साथ ही, रांची रेल मंडल में कई ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिले। रेलवे ने श्रावणी मेला 2025 के लिए भी विशेष ट्रेनों की घोषणा की है, जो झारखंड के यात्रियों के लिए मददगार होगी।

इसका नागरिकों पर क्या असर होगा?

इन नई रेल लाइनों से झारखंड के लोगों का सफर आसान और तेज होगा। खासकर, कोयला और स्टील जैसे उद्योगों को फायदा होगा, क्योंकि माल ढुलाई सस्ती और तेज हो जाएगी। साथ ही, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि देवघर जैसे धार्मिक स्थल बेहतर रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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