Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने अमन साहू एनकाउंटर मामले में सरकार को लगाई फटकार - कोई भी कानून से ऊपर नहीं
हाईकोर्ट ने अमन साहू के कथित फर्जी एनकाउंटर पर सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा।

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि ‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह डीजीपी ही क्यों न हो।’ यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश की ओर से उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आई, जिसमें अमन साहू की मां ने उनके बेटे के एनकाउंटर को फर्जी बताया था। कोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
क्या है अमन साहू एनकाउंटर मामला?
अमन साहू, जो एक कुख्यात अपराधी के रूप में जाना जाता था, की पिछले साल पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। उनकी मां ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें कहा गया कि यह एनकाउंटर सुनियोजित था। इस मामले ने पूरे झारखंड में हलचल मचा दी है। लोग इस पर अलग-अलग राय रख रहे हैं।
हाईकोर्ट ने क्यों जताई नाराजगी?
सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई गलत काम हुआ है, तो उसकी जांच जरूरी है। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि कानून सभी के लिए बराबर है और कोई भी इससे बच नहीं सकता। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मामले में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। साथ ही, कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग पर भी विचार करने का संकेत दिया है।
सरकार को चार हफ्ते का समय
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में पारदर्शिता जरूरी है ताकि लोगों का भरोसा कानून पर बना रहे। अमन साहू के परिवार ने इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा।
Jharkhand News:जनता की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर झारखंड में लोग दो हिस्सों में बंटे हुए हैं। कुछ लोग मानते हैं कि अमन साहू एक अपराधी था और पुलिस ने सही कदम उठाया, जबकि अन्य इसे मानवाधिकार का उल्लंघन मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर चर्चा तेज है। कई लोग कोर्ट के इस कदम को सही दिशा में उठाया गया कदम बता रहे हैं।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि सरकार इस मामले में क्या जवाब देती है। अगर सीबीआई जांच का आदेश हुआ, तो यह मामला और भी गंभीर हो सकता है। झारखंड हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल अमन साहू मामले को बल्कि पूरे राज्य में पुलिस कार्रवाई के तौर-तरीकों पर सवाल उठा रहा है।