
GST Fraud News: पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 अगस्त 2025 को एक बड़े जीएसटी घोटाले के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई 730 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले से जुड़ी है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 12 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इस घोटाले में फर्जी जीएसटी इनवॉइस बनाकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
क्या है यह जीएसटी घोटाला?
जीएसटी घोटाले में कुछ लोग फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार से टैक्स छूट लेने की कोशिश करती है। वे नकली बिल बनाते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि उन्होंने टैक्स जमा किया, जबकि असल में कोई टैक्स नहीं दिया जाता। इस मामले में मुख्य आरोपी शिव देवड़ा पर ईडी की नजर है। जांच में पता चला कि फर्जी कंपनियों के जरिए 730 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। यह पैसा गलत तरीके से टैक्स क्रेडिट के रूप में लिया गया है।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
ईडी ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कुल 12 ठिकानों पर छापे मारे। इनमें कोलकाता, मुंबई और झारखंड के कई शहर शामिल हैं। छापेमारी के दौरान ईडी ने फर्जी दस्तावेज, कंप्यूटर और अन्य सबूत इकट्ठा किए। जांच एजेंसी को शक है कि इस घोटाले में कई बड़े कारोबारी और बिचौलिये शामिल हैं।
आम लोगों पर क्या असर?
यह घोटाला आम लोगों के लिए भी चिंता का विषय है। जीएसटी सरकार के लिए एक बड़ा राजस्व स्रोत है, जो स्कूल, अस्पताल और सड़कों जैसी सुविधाओं के लिए इस्तेमाल होता है। जब ऐसे घोटाले होते हैं, तो सरकार को नुकसान होता है, जिसका असर आम आदमी पर पड़ता है। टैक्स चोरी की वजह से जरूरी सेवाओं के लिए पैसा कम पड़ सकता है।
ईडी की अगली कार्रवाई क्या होगी?
ईडी अब इस मामले में गहरी जांच कर रही है। फर्जी कंपनियों के मालिकों और उनके सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पैसे का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
लोगों को क्या करना चाहिए?
अगर आप कारोबारी हैं, तो अपने जीएसटी रिटर्न और बिलों की जांच जरूर करें। फर्जी कंपनियों से लेन-देन करने से बचें। अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें। इससे आप और आपका व्यवसाय सुरक्षित रहेगा।