
डेस्क: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन ने बड़ा मोड़ ले लिया है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने उनकी मुख्य मांगें मान ली हैं। जरांगे ने कहा कि सरकार जल्द ही सरकारी आदेश (जीआर) जारी करेगी और इसके बाद वह अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर देंगे।
जरांगे ने हाई कोर्ट को भी भरोसा दिलाया कि उनके समर्थक अब मुंबई छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग यहां से लौट चुके हैं और बाकी भी मंगलवार तक चले जाएंगे। साथ ही उन्होंने जुर्माना वापस लेने की मांग की, जो आंदोलन के दौरान गाड़ियों पर लगाया गया था। जरांगे ने साफ किया कि जश्न का मतलब हंगामा नहीं होगा, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से गुलाल उड़ाकर आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
आंदोलन के दौरान पीड़ित परिवारों की मदद के लिए भी कदम उठाए गए हैं। जरांगे ने बताया कि राज्य सरकार ने ऐसे परिवारों को 15 करोड़ रुपये की मदद देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, शिक्षा में योग्य बच्चों को सरकारी नौकरी देने का भी आश्वासन दिया गया है।
जरांगे ने अपने समर्थकों से कहा, “हम जीत गए हैं। सरकार ने हमारी मांगें स्वीकार कर ली हैं। जीआर आने के बाद मैं रात नौ बजे तक मुंबई छोड़ दूंगा।”
इससे पहले चार कैबिनेट मंत्री—राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवेंद्र राजे भोंसले, जय कुमार गोरे और माणिकराव कोकाटे—आजाद मैदान पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की। उन्होंने जरांगे को समिति के साथ हुई चर्चा की पूरी जानकारी दी। सरकार ने यह भी भरोसा दिया है कि आंदोलनकारियों पर दर्ज केस सितंबर तक वापस ले लिए जाएंगे।
ये भी पढ़ें: BSNL का सुपरहिट ऑफर, सिर्फ 151 रुपये में 25 OTT प्लेटफॉर्म और 450 टीवी चैनल्स