उत्तराखंड में तबाही: देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटा, 11 की मौत, कई होटल और दुकानें ध्वस्त

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश कहर बरपा रही है। देर रात देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। घटना में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि मसूरी में मजदूरों के कच्चे घर पर मलबा गिरने से एक मजदूर की जान चली गई और एक गंभीर रूप से घायल है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मुताबिक, सोमवार देर रात करीब 11:30 बजे सहस्त्रधारा के कार्डीगाड़ क्षेत्र में बादल फटने से भारी मलबा मुख्य बाजार में आ गया। इससे 2–3 बड़े होटल और करीब 7–8 दुकानें ध्वस्त हो गईं। लगभग 100 लोग मलबे में फंस गए थे, जिन्हें ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। हालांकि, कुछ लोगों के लापता होने की भी सूचना है जिनकी तलाश जारी है।
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, राहत और बचाव के लिए एसडीआरएफ व फायर टीम को भेजा गया था, लेकिन रास्ते पर मलबा ज्यादा होने के कारण वे मौके तक नहीं पहुंच पाए। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी रास्ता खोलने में जुटी है।
देहरादून में तमसा नदी उफान पर है। टपकेश्वर मंदिर परिसर पूरी तरह पानी में डूब गया, यहां तक कि शिवलिंग भी जलमग्न हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर को खाली करा लिया गया है। वहीं आईटी पार्क के पास भारी मलबा आने से सॉन्ग नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है।
मसूरी के झड़ीपानी इलाके में देर रात बारिश से मजदूरों के अस्थायी आवास पर मलबा गिर गया। इस हादसे में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सहस्त्रधारा में हुई इस त्रासदी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। वे स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं।
लगातार हो रही बारिश से हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं। प्रशासन ने नदियों और पहाड़ी इलाकों के आसपास रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।