पाकिस्तान ने खोल दी ट्रम्प के दावों की कलई, “सीजफायर में किसी ने नहीं की मध्यस्थता”

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार मध्यस्थता कराने के दावे की पाकिस्तान ने ही पोल खोल दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि अमेरिका खुद ही सीजफायर का प्रस्ताव लेकर आया था, लेकिन भारत ने साफ कर दिया था कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।
इशाक डार ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी बातचीत अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से हुई थी। रुबियो ने स्वीकार किया था कि भारत सीजफायर के मामले में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं चाहता, क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है।
अल-जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में इशाक डार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने कई बार भारत से बातचीत की पहल की है। उन्होंने कहा, “हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत बार-बार इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताता रहा है। जब 25 जुलाई को वाशिंगटन में हमने मार्को रुबियो से पूछा कि बातचीत का क्या हुआ, तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि भारत इसे द्विपक्षीय मसला मानता है।”
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“बातचीत के लिए भीख नहीं मांगेंगे”
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद हमेशा वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन वह बातचीत के लिए किसी के पीछे नहीं भागेगा। उनके अनुसार, “अगर कोई देश बातचीत करना चाहता है तो हमें खुशी होगी, लेकिन हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं। बातचीत आगे बढ़ने का रास्ता है, मगर इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है। भारत को मजबूर नहीं किया जा सकता।”
डार के इस बयान से यह साफ हो गया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी थी। सीजफायर का फैसला अंततः दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई सीधी बातचीत के जरिए ही हुआ।