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Warning Sign of Fatty Liver: फैटी लिवर बन रहा है 'साइलेंट किलर', शरीर में दिखें ये 7 शुरुआती लक्षण तो तुरंत हो जाएं सावधान

पेट में दर्द, थकान और त्वचा पर काले धब्बे हैं फैटी लिवर के 7 शुरुआती लक्षण।

Warning Sign of Fatty Liver: भारत में बदलती जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण फैटी लिवर की बीमारी एक महामारी की तरह फैल रही है। यह एक ऐसी ‘साइलेंट किलर’ बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक समस्या का पता चलता है, तब तक लिवर को काफी नुकसान हो चुका होता है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि कुछ शुरुआती संकेतों को घर पर ही पहचानकर इस गंभीर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या है फैटी लिवर की बीमारी?

Warning Sign of Fatty Liver
Warning Sign of Fatty Liver

फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट यानी चर्बी जमा हो जाती है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। पहली, ‘अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज’ (AFLD), जो अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होती है। दूसरी, और सबसे आम, ‘नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज’ (NAFLD), जो शराब न पीने वालों को भी होती है। इसका मुख्य कारण मोटापा, हाई ब्लड शुगर (डायबिटीज), हाई कोलेस्ट्रॉल और hareketsiz जीवनशैली है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह लिवर में सूजन (हेपेटाइटिस), सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ना) और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण भी बन सकती है।

1. हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना

यह फैटी लिवर का सबसे आम और सबसे पहले नजर आने वाला लक्षण है। लिवर हमारे शरीर का पावरहाउस है, जो भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। जब लिवर में फैट जमा हो जाता है, तो उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। अगर आपको भरपूर नींद लेने के बाद भी दिन भर थकान और कमजोरी महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें।

2. पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द

लिवर हमारे पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में स्थित होता है। जब लिवर में फैट जमा होने से सूजन आने लगती है, तो इस हिस्से में हल्का, लगातार बना रहने वाला दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। लोग अक्सर इसे गैस या एसिडिटी समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह फैटी लिवर का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।

3. त्वचा पर काले धब्बे (एकैन्थोसिस नाइग्रिकन्स)
गर्दन के पिछले हिस्से या अंडरआर्म्स (बगल) की त्वचा का काला और मखमली हो जाना, जिसे ‘एकैन्थोसिस नाइग्रिकन्स’ कहते हैं, अक्सर फैटी लिवर से जुड़ा होता है। यह लक्षण शरीर में ‘इंसुलिन रेजिस्टेंस’ का संकेत है, जो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का एक प्रमुख कारण है।

4. भूख न लगना और वजन कम होना

जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो इसका असर हमारी भूख पर भी पड़ता है। यदि आपको अचानक भूख लगनी कम हो गई है और बिना किसी कोशिश के आपका वजन घट रहा है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। यह संकेत है कि आपका शरीर पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पा रहा है।

5. पेट और पैरों में सूजन (एडिमा)

यह फैटी लिवर की एक उन्नत अवस्था का लक्षण है। जब लिवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो वह एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पाता। इस प्रोटीन की कमी से शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे पैरों, टखनों और पेट में सूजन (एडिमा) आ जाती है।

6. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)

पीलिया या जॉन्डिस लिवर खराब होने का एक स्पष्ट संकेत है। जब लिवर रक्त में से बिलीरुबिन नामक पीले पदार्थ को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता, तो यह शरीर में जमा होने लगता है, जिससे त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला दिखाई देने लगता है। यह एक गंभीर लक्षण है और इसमें तत्काल डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता होती है।

7. मानसिक भ्रम या भूलने की समस्या

फैटी लिवर की सबसे गंभीर अवस्था में, लिवर खून से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में विफल हो जाता है। ये विषाक्त पदार्थ जब मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं, तो वे मानसिक भ्रम, याददाश्त में कमी, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। इस स्थिति को ‘हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी’ कहा जाता है।

Warning Sign of Fatty Liver: फैटी लिवर से कैसे करें बचाव?

फैटी लिवर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना है। अपने वजन को नियंत्रित रखें, नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें, और शराब का सेवन बंद कर दें। अपने आहार में चीनी, मैदा, और तले हुए खाद्य पदार्थों को कम करें और फलों, सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल करें। यदि आपको ऊपर दिए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और अल्ट्रासाउंड जैसी जांच कराएं।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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