गाजा संघर्ष: हमास ने अमेरिकी ‘सीजफायर उल्लंघन’ आरोपों को बताया झूठा, ट्रंप ने दी चेतावनी

डेस्क: इजराइल-हमास संघर्ष में नया मोड़ आ गया है, जब हमास ने अमेरिका के ‘सीजफायर उल्लंघन’ के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। फिलिस्तीनी गुट ने इसे ‘झूठा’ और ‘इजरायली प्रचार’ बताया, जो गाजा में हमलों को जायज ठहराने की साजिश है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को ‘विश्वसनीय रिपोर्टों’ का हवाला देते हुए कहा कि हमास गाजा के नागरिकों पर हमला करने की योजना बना रहा है, जो डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रोकर किए गए समझौते का ‘गंभीर उल्लंघन’ होगा। हमास ने जवाब में इजरायल पर ही उल्लंघन का आरोप लगाया। इजरायल ने रविवार को गाजा के दक्षिणी हिस्से राफाह में हवाई हमले किए, जिसे हमास ने ‘बोल्ड वायलेशन’ बताया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD वेंस और विशेष दूत स्टीव विटकोफ सोमवार को इजरायल पहुंचेंगे, जहां सीजफायर की स्थिति पर चर्चा होगी।
हमास का पलटवार
हमास ने रविवार को जारी बयान में कहा, “अमेरिकी आरोप पूरी तरह झूठे हैं और इजरायली प्रचार से मेल खाते हैं। यह फिलिस्तीनियों पर आक्रमण जारी रखने का बहाना है।” गुट ने दावा किया कि इजरायल ने गाजा में सशस्त्र समूहों को बनाया और फंड किया, जो हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। हमास ने कहा कि वह सीजफायर के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इजरायल ने समझौते का 47 बार उल्लंघन किया। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने अमेरिका से ‘झूठे नैरेटिव’ बंद करने और इजरायल के उल्लंघनों पर फोकस करने की मांग की। अल मायादीन ने भी हमास के बयान को उद्धृत किया कि अमेरिका को ‘इजरायली डिसइन्फॉर्मेशन’ को दोहराना बंद करना चाहिए।
हमास का हमला गंभीर उल्लंघन
अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को कहा, “हमास गाजा के नागरिकों पर हमला करने की योजना बना रहा है, जो सीजफायर का सीधा उल्लंघन होगा।” विभाग ने मध्यस्थ देशों (मिस्र, कतर, तुर्की) को सूचित किया और हमास से ‘उपलब्धियां निभाने’ की मांग की। यदि हमास हमला करता है, तो गाजा की सुरक्षा और सीजफायर बनाए रखने के लिए ‘कदम उठाए जाएंगे।’ स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि यह ट्रंप के ब्रोकर किए 20-सूत्री समझौते का उल्लंघन होगा, जिसमें हमास को हथियार त्यागने और बंधकों को रिहा करने की शर्तें हैं। अमेरिका ने स्पष्ट किया कि हमास ने अभी तक 28 में से 12 बंधकों के शव ही लौटाए हैं, जो देरी का कारण बनी है।
‘हमास ने तोड़ा तो वहां जाकर मारेंगे’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर हमास को चेतावनी दी, “अगर हमास समझौते का उल्लंघन कर गाजा में हिंसा जारी रखता है, तो हमारे पास वहां जाकर उन्हें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं।” बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी सेना नहीं भेजी जाएगी, बल्कि ‘नजदीक के लोग’ (संभवतः इजरायली या क्षेत्रीय ताकतें) इसे संभाल लेंगे। ट्रंप ने हमास की भूमिका पर लगातार सवाल उठाए, और कहा कि समझौता ‘अफगानिस्तान-तुलना में आसान’ था। एक्स पर कई पोस्ट्स में ट्रंप की चेतावनी वायरल हुई, जहां यूजर्स ने इसे ‘हाइपोक्रिसी’ बताया।
राफाह में गोलीबारी
इजरायल ने रविवार को गाजा के दक्षिणी राफाह में हवाई हमले किए, जिसे IDF ने ‘हमास का बोल्ड वायलेशन’ बताया। हमास ने कहा कि राफाह ‘रेड जोन’ है, जहां इजरायली नियंत्रण है, और वे ‘किसी घटना से अनजान’ हैं। खान यूनिस के पास तोपखाने की गोलीबारी हुई, जिसमें 2 फिलिस्तीनी मारे गए। इजरायली मंत्री इतमार बेन-ग्विर ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से ‘पूर्ण युद्ध’ फिर शुरू करने की मांग की। रॉयटर्स के अनुसार, हमास ने कहा कि इजरायल ने सीजफायर के बाद 24 फिलिस्तीनियों को मारा। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने 47 उल्लंघनों की सूची मध्यस्थों को सौंपी।
मिस्र, कतर और तुर्की ने दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा। पूर्व अफगान सांसद मरियम सोलायमानखिल ने अमेरिका से निंदा की मांग की, इजरायल को ‘आतंकवाद को पालने’ वाला बताया। एक्स पर #JusticeForGaza ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स ने अमेरिका को ‘हाइपोक्रिट’ कहा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सीजफायर (11 अक्टूबर से) टूटने की कगार पर है, जो ट्रंप की मध्यस्थता को चुनौती देगा।
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