Railways News: भारतीय ट्रेन नंबर कैसे तय होते हैं? हर अंक में छिपा है खास राज
जानें ट्रेन नंबर का पहला अंक (प्रकार) और दूसरा अंक (जोन/गंतव्य) क्या बताता है,12627 नंबर का राज।
Railways News: नई दिल्ली, भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह 1.35 लाख किलोमीटर से ज्यादा लंबे ट्रैक पर चलता है। रोजाना 2.3 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। ट्रेनों के पांच अंकों वाले नंबर जैसे 12627 या 12209 कोई साधारण नंबर नहीं हैं। ये वैज्ञानिक तरीके से बनाए जाते हैं। हर अंक ट्रेन के प्रकार, जोन, गंतव्य और दिशा के बारे में बताता है। यह सिस्टम कंप्यूटर फ्रेंडली है और पूरे देश में एक जैसा है। ब्रिटिश काल से शुरू होकर आज तक का सफर रोचक है। आइए जानें हर अंक का राज।
Railways News: ट्रेन नंबरिंग सिस्टम का इतिहास
भारतीय रेलवे की शुरुआत 1853 में हुई। 16 अप्रैल को मुंबई से ठाणे पहली पैसेंजर ट्रेन चली। ब्रिटिश राज में प्राइवेट कंपनियां जैसे ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR), ईस्ट इंडियन रेलवे (EIR) और मद्रास रेलवे चलाती थीं। ट्रेनों को नाम या साधारण नंबर से पहचाना जाता था। ब्रिटिश स्टाइल में ‘अप’ (राजधानी की ओर) और ‘डाउन’ (दूर की ओर) का चलन था। लेकिन समस्या यह थी कि केंद्र अलग-अलग थे। इससे कन्फ्यूजन होता था।
1951 में रेलवे को जोन में बांटा गया जैसे नॉर्दर्न, सेंट्रल, ईस्टर्न। नंबर जोन स्पेसिफिक हो गए। 1980 तक नंबर 10,000 से ज्यादा हो गए। पुराना सिस्टम पुराना पड़ गया। 1980-90 में 4 अंकों वाला यूनिवर्सल नंबरिंग आया। 20 दिसंबर 2010 को 5 अंकों वाला सिस्टम लागू हुआ। पुराने 4 अंकों को ‘1’ जोड़कर बदला गया। जैसे 2615 बना 12615। यह बदलाव ऐतिहासिक था।
Railways News: आधुनिक 5 अंकों वाले नंबर का मतलब
आज का 5 अंकों वाला नंबर (जैसे ABCDE) कई राज खोलता है।
पहला अंक: ट्रेन का प्रकार
| अंक | ट्रेन का प्रकार | उदाहरण |
| 0XXXX | स्पेशल ट्रेनें (समर, हॉलिडे, एग्जाम स्पेशल) | – |
| 1XXXX | रेगुलर एक्सप्रेस/मेल | 13000 सीरीज |
| 2XXXX | रेगुलर एक्सप्रेस/मेल या सुपरफास्ट | 22000 सीरीज |
| 12XXX या 22XXX | सुपरफास्ट ट्रेनें (दुरंतो, राजधानी, शताब्दी) | 12001 |
| 3XXX | लोकल पैसेंजर ट्रेनें | – |
| 4XXX | सबअर्बन ट्रेनें (मुंबई लोकल) | – |
दूसरा अंक: जोन या कैटेगरी
यह पहले अंक के साथ मिलकर ओरिजिनेटिंग जोन बताता है।
| अंक | ज़ोन |
| 1 | सेंट्रल रेलवे |
| 3 | ईस्टर्न या ईस्ट सेंट्रल |
| 4 | नॉर्दर्न, नॉर्थ सेंट्रल या नॉर्थ वेस्टर्न |
| 5 | नॉर्थ ईस्टर्न या नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर |
| 6 | साउथ सेंट्रल |
| 7 | साउथ ईस्टर्न या साउथ ईस्ट सेंट्रल |
| 8 | साउथ वेस्टर्न |
| 9 | वेस्टर्न या वेस्ट सेंट्रल |
तीसरा अंक: मेंटेनेंस या गंतव्य कोड
कुछ मामलों में यह जोन/डिवीजन जहाँ मेंटेनेंस होता है, बताता है।
| अंक | प्रमुख गंतव्य |
| 0 | हावड़ा |
| 1 | मुंबई |
| 2 | चेन्नई |
| 3 | बैंगलोर |
| 4 | दिल्ली |
| 5 | अमृतसर |
| 6 | मदुरै |
| 7 | भुवनेश्वर |
| 8 | त्रिवेंद्रम |
| 9 | गुवाहाटी |
उदाहरण और रोचक तथ्य
- ट्रेन 12001: पहला 1 (लॉन्ग डिस्टेंस), दूसरा 2 (सुपरफास्ट), तीसरा 0 (हावड़ा गंतव्य)।
- ट्रेन 13106 (बंगाल कोलकाता से मुंबई मेल): पहला 1 (लॉन्ग डिस्टेंस), दूसरा 3 (ईस्टर्न जोन), तीसरा 1 (मुंबई गंतव्य)।
रोचक बातें: ब्रिटिश काल में ‘अप-डाउन’ से कन्फ्यूजन था। आज 10,000 से ज्यादा ट्रेनें हैं। यह सिस्टम ट्रैकिंग, शेड्यूलिंग और पैसेंजर सर्विसेज को आसान बनाता है। हर नंबर एक कहानी कहता है।



