पीयूष गोयल की ट्रम्प को दो टूक: “भारत पर कोई दबाव नहीं, अमेरिका से व्यापार वार्ता अपनी शर्तों पर होगी”

डेस्क: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को साफ कहा कि भारत किसी भी देश, खासकर अमेरिका, के दबाव में व्यापारिक समझौते नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसी डेडलाइन या बाहरी दबाव में निर्णय नहीं लेगा। गोयल ने यह टिप्पणी जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित ‘बर्लिन ग्लोबल डायलॉग’ के दौरान की।
पीयूष गोयल ने कहा, “हम अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन भारत कभी जल्दबाजी में कोई डील नहीं करता। न ही हम किसी के सिर पर बंदूक रखकर समझौते करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की नीति दीर्घकालिक सोच पर आधारित है, न कि क्षणिक दबाव पर।
गोयल ने कहा कि अगर किसी देश ने भारत पर टैरिफ लगाया है, तो भारत उसके विकल्प ढूंढ रहा है — नए बाजार तलाश रहा है और घरेलू मांग को मजबूत बना रहा है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से रुके व्यापार समझौते को फिर से शुरू करने की कोशिशें चल रही हैं। यह समझौता अमेरिकी टैरिफ में कमी पर केंद्रित है।
वर्तमान में अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ लगाया है, जिसमें 25% अतिरिक्त शुल्क रूस से सस्ते तेल के आयात के चलते जोड़ा गया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ चाहते हैं कि भारत रूसी तेल की खरीद कम करे, ताकि मॉस्को पर आर्थिक दबाव बढ़े।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल खरीद में भारी कटौती करने पर सहमति जताई है।
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें “महान व्यक्ति” बताया और कहा कि दोनों देश “कुछ समझौतों पर काम कर रहे हैं।”
हालांकि, भारत सरकार ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच ऐसी किसी बातचीत की जानकारी नहीं है। भारत ने दोहराया कि उसका तेल आयात राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है।
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कुछ मतभेदों के बावजूद, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों का लक्ष्य है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए। हाल ही में अमेरिकी राजदूत-नामित सर्जियो गोर ने नई दिल्ली में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से मुलाकात की और निवेश व आर्थिक सहयोग को गहराने पर चर्चा की।



