दिल्ली में 50 नई इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत, फिटनेस जांच के लिए बनेगा नया स्टेशन
दिल्ली प्रदूषण: CM रेखा गुप्ता ने 50 नई ई-बसों को दी हरी झंडी, तेहखंड में ₹10 करोड़ के टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास।
Delhi Transport Update: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ नया कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें 30 बसें 12 मीटर लंबी और 20 बसें 9 मीटर लंबी हैं। यह कदम दिल्ली की सड़कों पर प्रदूषण कम करने के लिए उठाया गया है। साथ ही, तेहखंड डिपो में फिटनेस जांच के लिए दूसरे स्वचालित टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास किया गया। इसकी लागत 10 करोड़ रुपये है और मार्च 2026 तक यह तैयार हो जाएगा। दिल्ली सरकार का यह प्रयास वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने का है।
प्रदूषण कम करने के लिए दो प्रमुख कदम
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए दो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहला, बड़ी संख्या में ई-बसों को सड़कों पर उतारना। भाजपा सरकार ने केवल आठ महीनों में 1350 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की हैं, जबकि पिछली सरकार ने 10 वर्षों में सिर्फ 2000 ई-बसें उतारीं। आगे ई-बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार भी किया जा रहा है, जो भाजपा सरकार की देन है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “जब दिल्ली की प्रदूषण की बात करते हैं तो लोग कहते हैं कि वाहन प्रदूषण के एक बड़े कारण हैं।” उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए बताया कि दिल्ली की सड़कों पर करोड़ों वाहन चलते हैं, जिनमें साढ़े छह लाख व्यावसायिक वाहन सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
फिटनेस टेस्टिंग स्टेशनों का निर्माण
दूसरा कदम वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्वचालित टेस्टिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना है। पहले नंद नगरी में एक सेंटर बनाया गया, जिसकी क्षमता 72 हजार वाहनों की जांच की है। अब तेहखंड डिपो में दूसरा सेंटर बन रहा है, जिसकी क्षमता भी 72 हजार वाहनों की होगी। बुराड़ी और झुलझुली स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें बुराड़ी में एक लाख वाहनों की जांच संभव होगी। सरकार की प्राथमिकता है कि इस वर्ष तक ये चारों स्टेशन पूर्ण हो जाएं, जिससे बड़ी संख्या में वाहनों की स्वचालित फिटनेस जांच हो सके।
पिछली सरकारों पर आरोप और अन्य प्रयास
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली को खराब स्थिति में छोड़ा, जिसमें कूड़े के पहाड़, टूटी सड़कें, गंदे नाले और प्रदूषित वातावरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर 2025 तक 48.50 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया गया है, जिसमें आठ महीनों में 17 लाख मीट्रिक टन हटाया गया। वर्ष के अंत तक शेष 30 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निपटारा कर दिया जाएगा।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “दिल्ली की समस्याओं को कम करने में थोड़ा वक्त जरूर लग सकता है लेकिन सरकार की नीति और नियत दोनों साफ हैं। इसलिए दिल्ली लगातार विकास की ओर आगे बढ़ रही है। दिल्ली सरकार स्वच्छता, प्रदूषण, कूड़े के पहाड़, यमुना सभी मोर्चे पर लड़ेगी।



