भारत के मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तान ने सऊदी अरब से सैन्य समझौता किया, पूर्व ब्रिटिश राजदूत का दावा

डेस्क: पाकिस्तान में तैनात रह चुके ब्रिटेन के पूर्व राजदूत और किंग्स कॉलेज लंदन में विजिटिंग प्रोफेसर टिम विलेसि-विल्सी ने बड़ा दावा किया है। उनके अनुसार पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में हुआ सैन्य समझौता अचानक और जल्दबाजी में किया गया है।
विलेसि-विल्सी ने कहा कि 10 मई को भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर मिसाइल हमले किए थे, जिसके बाद इस्लामाबाद को अपनी रक्षा रणनीति में तुरंत बदलाव करना पड़ा।
उनके मुताबिक, इस हमले ने दक्षिण एशिया के हालात को पूरी तरह बदल दिया और संघर्ष को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया।
पूर्व राजनयिक ने कहा कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते की टाइमिंग दो घटनाओं पर आधारित रही— पहला कतर में हमास नेताओं पर इजरायल का हमला, जिसके बाद कई देशों को आपसी सहयोग के लिए मजबूर होना पड़ा। दूसरा भारत-पाकिस्तान संघर्ष, जिसमें भारत ने नाटकीय अंदाज में मिसाइल हमले किए।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं ने पाकिस्तान को हड़बड़ी में रक्षा समझौते करने के लिए मजबूर किया।
टिम विलेसि-विल्सी ने माना कि सऊदी अरब इस समझौते के बावजूद भारत के साथ अपने संबंध खराब नहीं करना चाहेगा। उन्होंने कहा भारत आज एक उभरती महाशक्ति है। सऊदी अरब भारत से दूरी बनाकर नुकसान नहीं उठाना चाहेगा। इसलिए संभावना कम है कि सऊदी अरब भारत-पाकिस्तान संघर्ष की स्थिति में पाकिस्तान की सीधी सैन्य मदद करे।
पाकिस्तान को मिली ‘सांस लेने की जगह’
विलेसि-विल्सी के अनुसार, यह समझौता पाकिस्तान को अस्थायी तौर पर सुरक्षा का अहसास जरूर देता है। लेकिन असल में इसने इस्लामाबाद को यह महसूस करा दिया है कि मौजूदा सैन्य तैयारी पर्याप्त नहीं है और नई वास्तविकताओं को देखते हुए रणनीति में बदलाव की जरूरत है।
ब्रिटेन के पूर्व राजदूत का यह दावा भारत-पाकिस्तान संबंधों की मौजूदा जटिलता और बदलते सुरक्षा समीकरणों को उजागर करता है। एक तरफ पाकिस्तान खुद को सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ सऊदी अरब अपनी कूटनीतिक संतुलन नीति बनाए रखना चाहता है ताकि भारत के साथ उसके रिश्ते प्रभावित न हों।