Iran पर अमेरिकी हमले के बाद Pakistan ने बदले सुर, ट्रंप की तारीफ से निंदा तक
पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा की, पहले ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की थी वकालत।

Pakistan ने हाल ही में ईरान पर हुए अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा की है। यह वही पाकिस्तान है, जो कुछ घंटे पहले तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की वकालत कर रहा था। इस दोहरी नीति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। आइए, इस खबर को आसान शब्दों में समझते हैं।
Pakistan की बदलती नीति: ट्रंप की तारीफ से निंदा तक
पाकिस्तान ने एक बयान जारी कर कहा कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले से “बेहद चिंतित” है। पाकिस्तान का कहना है कि इस हमले से क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग की थी।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने हाल ही में ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने शांति के लिए बड़ा काम किया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने अमेरिका को ईरान के परमाणु ठिकानों की जानकारी भी दी थी, जिसके आधार पर यह हमला हुआ। लेकिन अब, जब हमला हो गया, तो पाकिस्तान ने अपने सुर बदल लिए और अमेरिका की निंदा शुरू कर दी।
क्यों बदले Pakistan के सुर?
पाकिस्तान की इस दोहरी नीति को कई लोग “मुनाफिकत” कह रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वह ईरान के साथ अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहता। ईरान और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं, और दोनों के बीच व्यापार और अन्य संबंध हैं। साथ ही, पाकिस्तान अमेरिका से भी आर्थिक मदद लेता है, इसलिए वह दोनों देशों को खुश रखने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, इस नीति की वजह से पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तान की इस नीति का मजाक उड़ा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान एक दिन तारीफ करता है, दूसरे दिन निंदा। यह देश अपनी नीति को लेकर खुद ही उलझा हुआ है।”
दुनिया की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की इस नीति पर भारत और अन्य देशों ने भी तंज कसा है। भारतीय सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान की यह नीति उसकी कमजोर कूटनीति को दर्शाती है। वहीं, अमेरिका ने अभी तक पाकिस्तान की निंदा पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
क्या होगा आगे?
ईरान पर अमेरिकी हमले और पाकिस्तान की निंदा के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी, वरना वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अलग-थलग पड़ सकता है।
इस खबर को आसान शब्दों में लिखा गया है ताकि हर कोई इसे समझ सके। हमारी वेबसाइट पर ऐसी ही ताजा और सरल खबरें पढ़ने के लिए बने रहें।