
Bihar News: दक्षिण बिहार में भारी बारिश के कारण नदियों के तटबंध कई जगह टूट गए, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। इस लापरवाही के लिए जल संसाधन विभाग ने 7 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। नालंदा और जहानाबाद में बांध टूटने से कई गाँवों में पानी घुस गया। यह खबर बिहार के लोगों के लिए जरूरी है, क्योंकि बाढ़ से उनकी जिंदगी पर असर पड़ रहा है।
बांध टूटने से गाँवों में पानी
झारखंड में हो रही तेज बारिश के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ गया। नालंदा और जहानाबाद में फल्गु, मुहाने और सकरी जैसी नदियों के तटबंध 6 जगहों पर टूट गए। इससे खेत और गाँव जलमग्न हो गए। एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बांधों की मरम्मत तेजी से हो रही है।
7 इंजीनियरों पर क्यों गिरी गाज?
जल संसाधन विभाग ने बांधों की देखरेख में लापरवाही के लिए एक कार्यपालक इंजीनियर और छह कनिष्ठ इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया। मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि इन इंजीनियरों ने बांधों की मरम्मत और निगरानी में ढिलाई बरती। अब सभी बांधों की 24 घंटे निगरानी होगी और जलस्तर की रीयल-टाइम जानकारी ली जा रही है।
बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा
बिहार में मानसून की पहली बारिश ने ही तटबंधों की कमजोरी उजागर कर दी। नालंदा और जहानाबाद के अलावा अन्य जिलों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। बांध टूटने की घटना ने नीतीश सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं।
Bihar News: लोगों के लिए क्या करें?
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग सरकारी हेल्पलाइन नंबर 1078 पर संपर्क करें। जरूरी सामान जैसे खाना, पानी और दवाइयाँ साथ रखें। बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान दें। सरकार ने राहत शिविर शुरू किए हैं, जहाँ खाना और रहने की व्यवस्था है।
मरम्मत और निगरानी तेज
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि टूटे बांधों की मरम्मत युद्धस्तर पर हो रही है। विभाग ने अन्य इंजीनियरों को भी चेतावनी दी है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है।