Bihar News: बिहार में कम बारिश के बाद भी बाढ़ का कहर, इन 5 जिलों में क्यों मचा हाहाकार?
दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल और समस्तीपुर में नदियों का उफान, फसलें बर्बाद

Bihar News: बिहार राज्य में इस साल मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। लेकिन फिर भी कुछ जिलों में बाढ़ ने बहुत नुकसान किया है। लोग परेशान हैं और घर-बार छोड़कर भाग रहे हैं। यह खबर उन 5 जिलों के बारे में है जहां कम बारिश के बावजूद पानी का कहर देखा जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह और कैसे लोग प्रभावित हो रहे हैं।
बिहार के मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में औसत से 20% कम बारिश हुई। लेकिन नदियों का पानी बढ़ गया और बाढ़ आ गई। यह समस्या मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल और समस्तीपुर जिलों में है। यहां के गांवों में पानी भर गया है, फसलें बर्बाद हो गईं और सड़कें टूट गईं। सरकार ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन लोग अभी भी मुश्किल में हैं।
बाढ़ की मुख्य वजह, नदियों का बढ़ता जल स्तर
कम बारिश के बाद भी बाढ़ क्यों आई? विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल से आने वाली नदियां इसका बड़ा कारण हैं। कोसी, गंडक और बागमती जैसी नदियां नेपाल में ज्यादा बारिश से भर जाती हैं। वहां से पानी बिहार में आता है और बाढ़ लाता है। इस साल नेपाल में भारी वर्षा हुई, जिससे इन नदियों का स्तर बढ़ गया।
इसके अलावा, बिहार में नदियों पर बांध कमजोर हैं। कई जगहों पर तटबंध टूट गए, जिससे पानी गांवों में घुस गया। जलवायु परिवर्तन भी एक वजह है, क्योंकि मौसम का पैटर्न बदल रहा है। कम लेकिन तेज बारिश से नदियां अचानक उफान पर आ जाती हैं। किसान रामलाल ने बताया, “हमारी फसलें डूब गईं, अब क्या खाएंगे?”
प्रभावित जिलों का हाल, लोग कैसे लड़ रहे हैं
दरभंगा जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। यहां 50 से ज्यादा गांव पानी में डूबे हैं। मधुबनी में स्कूल बंद हैं और बच्चे पढ़ाई से दूर हैं। सीतामढ़ी के लोग नावों से आ-जा रहे हैं। सुपौल और समस्तीपुर में सड़कें बंद होने से सामान नहीं पहुंच रहा।
सरकार ने एनडीआरएफ की टीमों को भेजा है। राहत सामग्री जैसे खाना, पानी और दवाइयां बांटी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और मदद का वादा किया। लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं कि बांधों की मरम्मत जल्दी होनी चाहिए।
बाढ़ से बचाव के उपाय
बिहार में बाढ़ हर साल आती है, लेकिन इस बार कम बारिश के बावजूद समस्या बड़ी है। लोगों को जागरूक रहना चाहिए। सरकार को नेपाल से बात करके नदियों का प्रबंधन बेहतर करना चाहिए। अगर आप इन जिलों में रहते हैं, तो ऊंचे जगहों पर जाएं और सरकारी मदद लें।