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Bihar Politics: मोदी सरकार के मंत्री राजभूषण निषाद ने मुजफ्फरपुर कोर्ट में किया सरेंडर, मिली जमानत

मुजफ्फरपुर सांसद राजभूषण निषाद ने 2019 के मतदान गोपनीयता मामले में कोर्ट में सरेंडर किया, मिली जमानत

Bihar Politics: केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री और मुजफ्फरपुर के सांसद डॉ. राजभूषण निषाद ने बुधवार को मुजफ्फरपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। उन पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान की गोपनीयता भंग करने का आरोप था। कोर्ट ने उन्हें 10 हजार रुपये के दो जमानत पत्रों पर सशर्त जमानत दे दी। यह खबर बिहार की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है।

जानें क्या है मामला?

2019 के लोकसभा चुनाव में राजभूषण निषाद ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के टिकट पर मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ा था। आरोप है कि 6 मई 2019 को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मतदान केंद्र के अंदर बैलेट यूनिट और वीवीपैट की तस्वीर पोस्ट की थी। यह मतदान की गोपनीयता के नियमों का उल्लंघन था। इस मामले में उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने में FIR दर्ज हुई थी।

कोर्ट ने क्या कहा?

मुजफ्फरपुर की विशेष कोर्ट में राजभूषण निषाद के वकील ने दलील दी कि यह मामला पुराना है और उनका कोई गलत इरादा नहीं था। कोर्ट ने उनकी बात सुनी और दो जमानत पत्रों के साथ जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें भविष्य में नियमों का पालन करना होगा। जमानत मिलने के बाद राजभूषण निषाद ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और कानून का पालन करेंगे।

सियासी हलचल तेज

राजभूषण निषाद हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे और 2024 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर से जीतकर पहली बार सांसद बने। उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया। इस मामले के सामने आने से बिहार की सियासत में हलचल मच गई है। विपक्षी दल इसे मुद्दा बना सकते हैं, लेकिन बीजेपी का कहना है कि यह पुराना मामला है और कोर्ट ने जमानत दे दी है।

जनता की क्या है राय?

मुजफ्फरपुर के लोग इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि राजभूषण निषाद ने गलती की, लेकिन जमानत मिलने से मामला सुलझ गया। वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि नेताओं को और जिम्मेदार होना चाहिए। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “नेताओं को नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि जनता का भरोसा बना रहे।”

Bihar Politics: क्या होगा आगे?

यह मामला भले ही पुराना हो, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह सियासी चर्चा का विषय बन सकता है। राजभूषण निषाद की छवि एक ईमानदार और मेहनती नेता की है। जमानत मिलने के बाद वह अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं। जनता अब यह देख रही है कि यह मामला उनकी लोकप्रियता पर कितना असर डालता है।

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Sudhanshu Tiwari
Author: Sudhanshu Tiwari

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