Bihar Politics: पंचायत प्रतिनिधियों को मिलेगा गन लाइसेंस, नीतीश का बड़ा आदेश
नीतीश का बड़ा फैसला, पंचायत प्रतिनिधियों को गन लाइसेंस, ग्रामीण नेताओं की सुरक्षा बढ़ेगी

Bihar Politics: बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सभी जिलों के DM और SP को पत्र लिखकर पंचायत प्रतिनिधियों को हथियार लाइसेंस देने का निर्देश दिया है। इसमें मुखिया, सरपंच, और अन्य पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं। यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले ग्रामीण नेताओं को सुरक्षा देने की कोशिश है। इस फैसले से गांवों में सियासी माहौल गर्म हो गया है, और लोग इसे नीतीश का मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
नीतीश सरकार का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि गांवों में विकास और कानून व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं। कई बार उन्हें दबंगों और असामाजिक तत्वों से खतरा होता है। इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए गन लाइसेंस देने का फैसला लिया गया। सरकार ने सभी DM और SP को आदेश दिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों की अर्जियों पर जल्द कार्रवाई करें। यह कदम ग्रामीण नेताओं को निडर होकर काम करने का भरोसा देगा। साथ ही, यह फैसला NDA को ग्रामीण वोटरों के बीच मजबूत करने की रणनीति भी माना जा रहा है।
अन्य बड़े फैसले- भत्ता और योजनाएं
पंचायत प्रतिनिधियों को गन लाइसेंस के साथ-साथ सरकार ने उनके मासिक भत्ते में भी बढ़ोतरी की है। अब मुखिया और अन्य प्रतिनिधि 10 लाख रुपये तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। इससे गांवों में छोटी-छोटी योजनाएं तेजी से पूरी होंगी। नीतीश सरकार ने हाल ही में पेंशन बढ़ाने, दीदी की रसोई में खाना सस्ता करने, और विवाह भवनों के लिए फंड देने जैसे फैसले भी लिए हैं। ये सभी कदम ग्रामीण लोगों को राहत देने और चुनाव से पहले NDA की स्थिति मजबूत करने के लिए हैं।
Bihar Politics: सियासी चर्चा और विवाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है, और यह फैसला सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। RJD और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल इसे ग्रामीण क्षेत्रों में हथियारों का दुरुपयोग बढ़ाने वाला कदम बता रहे हैं। वहीं, NDA का कहना है कि यह पंचायत नेताओं की सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए जरूरी है। लोग अब यह देख रहे हैं कि क्या यह फैसला गांवों में शांति लाएगा या विवाद को बढ़ाएगा।