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Bihar News: भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता, मिथिला के किसानों में खुशी, मखाना की मांग बढ़ी

मिथिला मखाना और मधुबनी पेंटिंग को भारत-ब्रिटेन FTA से नया बाजार, GI टैग और मखाना बोर्ड से किसानों और कारीगरों को आर्थिक मजबूती।

Bihar News: भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) ने बिहार के मिथिला क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी है। इस समझौते से मखाना और मधुबनी पेंटिंग जैसे स्थानीय उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। मिथिला के किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि अब मखाना को ब्रिटेन के बाजारों में आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। मखाना को अब अलग से एचएस कोड मिला है, जिससे इसका निर्यात स्वतंत्र रूप से होगा और इसकी मात्रा का सही आंकलन हो सकेगा।

मिथिला मखाना की वैश्विक पहचान

मिथिला का मखाना, जिसे “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है, पहले से ही दुनिया भर में मशहूर है। बिहार के दरभंगा, मधुबनी और पूर्णिया जैसे जिले मखाना उत्पादन का केंद्र हैं। मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है, जिससे इसकी गुणवत्ता और ब्रांड मूल्य बढ़ा है। इस समझौते से मखाना की मांग में 20% तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

किसानों और छोटे व्यापारियों को लाभ

यह समझौता मिथिला के किसानों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए बड़ा लाभकारी साबित होगा। ब्रिटेन में मखाना पर आयात शुल्क शून्य होने से यह वहां सस्ता होगा, जिससे इसकी बिक्री बढ़ेगी। इसके अलावा, मधुबनी पेंटिंग जैसे हस्तशिल्प को भी वैश्विक बाजार में नई पहचान मिलेगी। स्थानीय कलाकारों और कारीगरों की आय में वृद्धि होगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।

रोजगार के नए अवसर

मखाना की खेती और प्रसंस्करण से मिथिला क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार ने मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है, जो किसानों को बेहतर सुविधाएं और उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगी। यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। इससे न केवल मखाना, बल्कि शाही लीची, मसाले और अन्य कृषि उत्पादों को भी विदेशी बाजारों में बढ़ावा मिलेगा।

भविष्य की उम्मीदें

यह समझौता मिथिला के किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। मखाना की बढ़ती मांग से क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आएगी। सरकार और स्थानीय संगठनों के सहयोग से मखाना उत्पादन और निर्यात को और बेहतर किया जा सकता है। यह मिथिला के लिए गर्व का पल है, क्योंकि उनका मखाना अब वैश्विक बाजार में अपनी छाप छोड़ रहा है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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