भाजपा विधायक संजय पाठक की बढ़ी मुश्किलें, आदिवासी जमीन हथियाने और अवैध खनन के आरोप!

कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति से फोन पर बातचीत कर अवैध खनन मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश का विवाद थमा भी नहीं था कि अब आदिवासियों की जमीन खरीदने का मामला सामने आया है।
शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले में 30 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। आरोप है कि विधायक ने अपने निजी आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर लगभग 1100 एकड़ जमीन खरीदी। यह जमीन बैगा जनजाति के लोगों से जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, उमरिया और सिवनी जिलों में खरीदी गई।
जमीन खरीदने में जिन कर्मचारियों के नाम शामिल हैं, उनमें नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़ शामिल हैं। सभी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इस मामले पर जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि अभी आयोग से कोई निर्देश नहीं मिला है, लेकिन जैसे ही निर्देश मिलेगा, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों पर पहले से ही अवैध खनन के मामले में भारी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। शासन ने आदेश जारी किया है कि उनसे 443 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी।
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सहारा की 310 एकड़ जमीन खरीद का मामला भी गर्माया
संजय पाठक पर सहारा समूह की बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव खरीदने का भी आरोप है। बताया जाता है कि भोपाल, जबलपुर और कटनी में कुल 310 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत एक हजार करोड़ रुपये से अधिक थी, उसे मात्र 79.66 करोड़ रुपये में खरीदा गया।
इस सौदे में पाठक ने अपनी पारिवारिक फर्मों के नाम का इस्तेमाल किया और सहारा अधिकारियों से मिलीभगत कर सौदा किया। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी शिकायत भेजी गई है, जो अब जांच के दायरे में है। लगातार घिरते आरोपों के बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि संजय पाठक को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।