Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट क्यों अहम? तेजस्वी, ओवैसी और पीके की रणनीति, बीजेपी का जवाब
बिहार चुनाव 2025, मुस्लिम वोटों पर तेजस्वी, ओवैसी, पीके की जंग, बीजेपी का 'पीएम' फॉर्मूला

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुस्लिम वोटों को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और जन सुराज के प्रशांत किशोर (पीके) मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर खींचने में जुटे हैं। दूसरी ओर, बीजेपी ने ‘प्रधानमंत्री’ (पीएम) फॉर्मूले से जवाब देने की रणनीति बनाई है। यह खबर बिहार के गांवों और छोटे शहरों के लोगों के लिए अहम है, क्योंकि मुस्लिम वोट बिहार की सियासत में बड़ा रोल अदा करते हैं। आइए जानें इस सियासी खेल का पूरा ब्योरा।
क्या है मुस्लिम वोटों का महत्व?
बिहार में मुस्लिम आबादी करीब 17% है, जो 243 सीटों में से 30-40 सीटों पर निर्णायक है। सीमांचल, मिथिलांचल और मगध जैसे इलाकों में मुस्लिम वोटरों का प्रभाव बड़ा है। तेजस्वी यादव ने ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली में कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया, तो वक्फ कानून को खत्म कर देगा। वहीं, ओवैसी ने महागठबंधन को गठबंधन का ऑफर दिया, लेकिन अगर बात नहीं बनी, तो उनकी पार्टी AIMIM 50 से ज्यादा सीटों पर लड़ेगी।
ओवैसी और पीके ने चली नई चाल
AIMIM ने सीमांचल में मजबूत पकड़ बनाई है। 2020 में उनकी पार्टी ने 5 सीटें जीती थीं। ओवैसी का तीसरा मोर्चा महागठबंधन के वोट काट सकता है। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मुस्लिम और युवा वोटरों को लुभाने की कोशिश में है। पीके ने कहा कि 60% बिहारी बदलाव चाहते हैं और नीतीश कुमार इस बार सीएम नहीं बनेंगे।
Bihar Election 2025: बीजेपी का ‘पीएम’ फॉर्मूला
बीजेपी ने तेजस्वी के वक्फ कानून वाले बयान पर पलटवार किया। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राजद और महागठबंधन ‘नमाजवाद’ को बढ़ावा दे रहे हैं, न कि समाजवाद। बीजेपी ने दावा किया कि उनका ‘प्रधानमंत्री’ फॉर्मूला, यानी पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, NDA को फिर से सत्ता दिलाएगी। बीजेपी का कहना है कि वे बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की रक्षा करेंगे।