गढ़वा। “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों के 40 किसानों ने भाग लिया। किसानों ने अपनी समस्याओं और शिकायतों को अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार तथा उनके साथ मौजूद अन्य संबंधित पदाधिकारियों के बीच रखा। अधिकारियों की ओर से सभी शिकायतों का समाधान करने का प्रयास किया गया।
बीज वितरण तथा धान अधिप्राप्ति के बारे में दी गई जानकारी
कृषकों की ओर से रखे गए प्रश्नों को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी ने संयुक्त रूप से किसानों को बीज वितरण तथा धान अधिप्राप्ति से संबंधित जानकारियां विस्तार से दीं। बताया गया कि लैम्प्स, पैक्स तथा एफपीओ के माध्यम से 50% सब्सिडी पर बीज प्राप्त किये जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए किसानों को ब्लाक चैन ऐप में ओटीपी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
एक कृषक द्वारा उठाए गए प्रश्न के जवाब में बताया गया कि धान अधिप्राप्ति के लिए जिले में 52 केंद्र अधिष्ठापित हैं जिसमें 47 केंद्र पैक्स के माध्यम से जबकि पांच केंद्र एफपीओ के माध्यम से संचालित होने हैं, इनमें से ज्यादातर केंद्र संचालनात्मक स्थिति में आ गए हैं। बताया गया कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए रखा गया है, इसके अतिरिक्त 100 रुपए बोनस भी निर्धारित है।
धान विक्रय के लिए किसानों को करवाना होगा पंजीकरण
किसानों द्वारा अधिप्राप्ति की प्रक्रिया से संबंधित उठाई गई शंकाओं का समाधान करते हुए बताया गया कि किसानों को सर्वप्रथम अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन फॉर्म जिला आपूर्ति कार्यालय/ अंचल कार्यालय के समन्वय से आवेदित करना है, वे कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी दे सकते हैं। उपस्थित किसानों को ऑफलाइन फॉर्म भरने हेतु आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराये गये।
सब्सिडी वाली योजनाओं की जानकारी दी
कुछ किसानों के पूछने पर जानकारी दी गई की रोटावेटर, पाइप आदि 50 से 80% अनुदान पर मिलते हैं, साथ ही सिंचाई हेतु स्प्रिंकलर के लिए 90% तक सब्सिडी उपलब्ध है। उक्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए पीडीएमसी पोर्टल पर जाकर स्वयं आवेदन कर सकते हैं या अपने बीटीएम के माध्यम से फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा पीएम कुसुम योजना, स्वाइल हेल्थ कार्ड आदि के बारे में भी किसानों ने जानकारी ली।
जागरूक किसान अपने आसपास के अन्य किसानों को भी करें जागरूक
दुबे मरहटिया के कृषक मुरली श्याम ने बताया कि उन्होंने पीएम कुसुम योजना के तहत 3 हॉर्स पावर का पंप लिया था, वे इस पर बहुत खुश हैं कि उन्हें इतना महत्वपूर्ण साधन मामूली अंशदान राशि पर मिल गया, इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने उनसे अनुरोध किया कि वे अन्य किसानों के बीच भी इस योजना के अनुभव के बारे में बताएं।
नीलगाय से नुकसान से बचने हेतु दी गई जानकारी
छतरपुर के कृषक श्री हरि प्रसाद मेहता ने कहा कि वे नीलगायों से बहुत परेशान हैं, इससे उनको बहुत नुकसान हो रहा है। इस पर पशुपालन पदाधिकारी ने कई घरेलू नुस्खे बताए जिनकी मदद से नीलगायों को खेत पर आने से रोका जा सकता है।
बिरसा फसल बीमा योजना आवेदन की आखिरी तिथि है 31 दिसंबर
कुछ किसानों के प्रश्न के जवाब में जानकारी दी गई कि गेहूं, सरसों, आलू तथा राई फसल का बीमा करवाने के लिए बिरसा फसल बीमा योजना की आखिरी तिथि 31 दिसंबर है। किसान उक्त बीमा योजना का लाभ लेने के लिए प्रज्ञा केंद्र/कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
किसानों के लिए है टोल फ्री नंबर 1800-123-1136
अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने सभी किसानों से कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही कहा कि वे किसी भी समस्या को लेकर उनसे आकर मिल सकते हैं। इसके अलावा वे चाहें तो कृषि निदेशालय के टोल फ्री नंबर 1800-123-1136 की भी मदद ले सकते हैं।
मौजूद थे
इस दौरान राजेंद्र उपाध्याय, मेदनी सिंह, राजनाथ मेहता, उदित कुमार पाल, आनंद किशोर मेहता, मनोज कुमार तिवारी, शैलेंद्र कुमार पांडेय, श्रीकांत दुबे, बृजेश कुमार तिवारी, विश्वनाथ तिवारी, मुरली श्याम तिवारी, ओम प्रकाश, मुन्ना राम, कृष्णकांत दुबे, पुरुषोत्तम प्रजापति, प्रीतम मेहता, रवि कुमार कुशवाहा, हरिप्रसाद मेहता, अयोध्या बिना, उत्तीम देव प्रजापति, सूर्य देव मेहता, मनोज मेहता, रामावतार यादव, दिलीप सिंह, देवधारी मेहता, खुर्शीद खान, ऋषि कुमार तिवारी, मनोरंजन मेहता, विक्रम सिंह, देवनाथ साहू, आनंद मेहता आदि किसान मौजूद थे।
उक्त किसान कुंडी, बोदरा, चिरौंजिया, जोबरैया, सुखवाना, डुमरिया, खजूरी, करुआ कला, दुबे मरहटिया, वीरबंधा, बनखेता, छतरपुर, अरंगी, सोनेहारा, बरदागा, चचरिया आदि ग्रामों से हैं।