राजनीति

Insult to the millions of volunteers of the R.S.S organization.भाजपा ने कांग्रेस नेता एवं झारखंड के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता पर तीखा हमला

  • *भाजपा ने बन्ना गुप्ता पर साधा निशाना, आरएसएस टिप्पणी को लेकर मांगी सार्वजनिक माफी*
जमशेदपुर। भाजपा जमशेदपुर महानगर ने कांग्रेस नेता एवं झारखंड के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता पर तीखा हमला बोलते हुए उनकी आरएसएस संबंधी टिप्पणी को “सोची-समझी साजिश” करार दिया है। महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने शुक्रवार को जारी बयान में गुप्ता के बयान को “झूठा, शर्मनाक और घृणास्पद” बताते हुए उनसे तत्काल सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की। ओझा ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने गुजरात में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान जानबूझकर राष्ट्रवादी संगठनों को बदनाम करने और समाज में जहर घोलने का काम किया है।

*आरएसएस कार्यकर्ताओं के अपमान पर भाजपा का आक्रोश*
सुधांशु ओझा ने कहा कि बन्ना गुप्ता का बयान न केवल संघ के करोड़ों स्वयंसेवकों का अपमान है, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर पर सीधा हमला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरएसएस ने हर संकट के समय निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा की है, चाहे वह युद्ध हो, आपदा हो या सामाजिक उत्थान। ओझा ने गुप्ता की राजनीतिक मजबूरियों को उजागर करते हुए कहा कि “झूठ और नफरत फैलाकर वे अपने राजनीतिक दिवालियेपन को छिपाना चाहते हैं।”

*सार्वजनिक माफी की मांग और भाजपा की चेतावनी*
भाजपा ने बन्ना गुप्ता से मांग की कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और देशवासियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। ओझा ने चेतावनी दी कि यदि गुप्ता ने माफी नहीं मांगी तो यह साबित होगा कि वे “देशविरोधी ताकतों के एजेंडे” पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता लोकतांत्रिक और कानूनी तरीके से गुप्ता को करारा जवाब देंगे। ओझा ने कहा, “देश की जनता ऐसे झूठे नेताओं को मुंहतोड़ जवाब देने का इतिहास रच चुकी है।”

*राष्ट्रवादी संगठनों के सम्मान पर जोर*
भाजपा नेता ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों का राष्ट्रप्रेम किसी भी कीचड़ उछाल से कम नहीं होगा। उन्होंने याद दिलाया कि आरएसएस ने कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलिंडर वितरण से लेकर बाढ़ पीड़ितों की मदद तक हर मोर्चे पर बिना प्रचार के काम किया है। ओझा ने गुप्ता को “समाज को बांटने वाला नेता” बताते हुए कहा कि ऐसे लोग लोकतंत्र के लिए कलंक हैं।

*पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं*
गौरतलब है कि बन्ना गुप्ता ने गुजरात में हुए कांग्रेस अधिवेशन में आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए थे। इससे पहले जदयू ने भी गुप्ता की टिप्पणी की निंदा करते हुए उन्हें “विचारधारा बदलने वाला कलाकार” कहा था। वहीं, कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुत्व बनाम धर्मनिरपेक्षता की बहस को नई ऊर्जा दे सकता है।

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