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Bihar Weather Update:क्या है ‘काल बैसाखी’ जिसने बिहार में बरपाया कहर? Know the reason for the heavy devastation in 20 districts.

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  • पटना सहित बिहार के 20 जिलों में भयंकर आंधी-तूफान और वज्रपात से 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है. ‘काल बैसाखी’ ने भारी तबाही मचाई, जिससे फसलें नष्ट हो गईं और किसानों को भारी नुकसान हुआ है.आइय…और पढ़ें
हाइलाइट्स
  • काल बैशाखी ने पटना सहित बिहार के 20 जिलों में भारी तबाही मचाई.
  • अलग-अलग जिलों में काल बैसाखी से 60 से अधिक लोगों की मौत.हुई.
  • आंधी, बारिश और वज्रपात से भारी नुकसान, किसानों की कमर टूट गई.
बिहार: राजधानी पटना सहित राज्य के 20 जिलों में काल बैसाखी के कारण भारी तबाही हुई है। अब तक 60 से अधिक लोगों की जान चली गई है, जबकि सैकड़ों पेड़ उखड़ने, दीवारें ढहने और आसमानी बिजली गिरने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नालंदा जिले में सबसे ज्यादा 20 लोगों की मौत हुई है। राज्य के अधिकतर हिस्सों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चली, जबकि दक्षिण बिहार के कुछ इलाकों में हवा की गति 150 किमी/घंटा तक पहुंच गई।
*किसानों की फसलें तबाह, असमंजस में परिवार*
तेज आंधी और बारिश ने गेहूं, प्याज, मक्का और मूंग की फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। किसानों का कहना है कि एक ओर कोरोना संकट से उबरे नहीं थे कि अब प्रकृति के इस कोप ने उनकी कमर तोड़ दी। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे अगली फसल के लिए बीज और खाद का इंतजाम कैसे करेंगे।
*क्या है काल बैसाखी और क्यों मचाती है तबाही?*
बैसाख महीने (अप्रैल-मई) में आने वाला यह तूफान ठंडी और गर्म हवाओं के टकराव से पैदा होता है। यह पूर्वी भारत के राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में हर साल कहर बरपाता है। स्थानीय भाषा में इसे काल बैसाखी कहा जाता है, जबकि असम में बोर्डोइसिला और अंग्रेजी में नॉर्वेस्टर के नाम से जानते हैं।
*मौसम विभाग का अलर्ट जारी*
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 12 अप्रैल तक बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ रही है।
*राहत और बचाव कार्य तेज*
बिहार सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें पेड़ हटाने और बिजली आपूर्ति बहाल करने में जुटी हैं। अस्पतालों में अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया गया है, जबकि प्रभावित इलाकों में सूखा राशन वितरित किया जा रहा है।
*लोगों में भय का माहौल*
पटना के रहने वाले रमेश कुमार बताते हैं, “आधे घंटे तक आसमान पूरी तरह काला हो गया था। लोग सड़कों पर भागते हुए दिखे।” मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए. के. सिंह के अनुसार, “यह तूफान बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवा और राजस्थान की गर्म हवा के टकराव से पैदा हुआ। ऐसे मौसम में घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।”
*भविष्य की चुनौतियां*
किसान संगठनों ने सरकार से फसल बीमा योजना को सरल बनाने और तत्काल राहत पैकेज देने की मांग की है। पर्यावरणविद् डॉ. अरविंद मिश्रा कहते हैं, “शहरीकरण और वृक्षों की कटाई ने ऐसी आपदाओं को और विकराल बना दिया है। हमें जलवायु अनुकूल विकास मॉडल अपनाना होगा।”

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