
Darbhanga News: बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल प्रखंड के बलाठ गांव में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-223 को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। इस केंद्र पर महादलित सीट के लिए आरक्षित होने के बावजूद जनरल वर्ग की महिला को सेविका और आशा के रूप में नियुक्त किया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह नियुक्ति राजनीतिक दबाव और दबंगों के प्रभाव के कारण हुई है। कोई भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा, क्योंकि पदाधिकारियों को नौकरी और नेताओं को वोट की चिंता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह मुद्दा सियासत को गर्म कर सकता है।
Darbhanga News: महादलित सीट पर जनरल महिला की नियुक्ति
बलाठ गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-223 पर सेविका और आशा के पद पर दूसरी पंचायत और वार्ड की जनरल वर्ग की महिला काम कर रही है। यह सीट महादलित समुदाय के लिए आरक्षित थी, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहुबलियों और राजनीतिक दबाव के कारण नियमों को ताक पर रखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस केंद्र से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं, लेकिन डर के कारण कोई शिकायत नहीं कर पाता।
डर का माहौल, कोई नहीं उठाता आवाज
बलाठ गांव में दबंगों का इतना डर है कि न तो आम लोग, न ही पदाधिकारी और न ही स्थानीय नेता इस मामले में कुछ बोलते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेताओं को वोट चाहिए, इसलिए वे चुप रहते हैं। वहीं, पदाधिकारी अपनी नौकरी बचाने के लिए मौन हैं। इस स्थिति ने गांव में अन्याय और भय का माहौल बना दिया है। लोग चाहते हैं कि सरकार इस मामले की जांच करे और महादलित समुदाय को उनका हक दे।
चुनाव से पहले बढ़ सकता है विवाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है, और यह मुद्दा सियासी रंग ले सकता है। विपक्षी पार्टियां जैसे RJD और कांग्रेस इस मामले को उठाकर NDA सरकार पर हमला बोल सकती हैं। दूसरी ओर, स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार और जिला प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाए। अगर यह मुद्दा बढ़ा, तो बिरौल और आसपास के इलाकों में वोटरों का मूड प्रभावित हो सकता है। लोग अब यह देख रहे हैं कि क्या सरकार इस दबंगई को रोकेगी।