
डेस्क: दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर शनिवार तड़के लगभग 4:30 बजे झाड़सा एग्जिट के पास हुए भीषण सड़क हादसे में एक थार कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में कार में सवार छह दोस्तों में से पांच की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ रहा है।
थार में तीन युवक और तीन युवतियां सवार थे। टक्कर इतनी भयानक थी कि मृतकों के चेहरे तक पहचानना मुश्किल हो गया। सभी दोस्त दिल्ली से गुरुग्राम के एक क्लब में पार्टी करके लौट रहे थे।
हादसे का शिकार हुए लोग
मृतक:
-
प्रतिष्ठा मिश्रा (25 वर्ष) – रायबरेली निवासी, पिता चंद्रमणि मिश्रा यूपी में जज हैं।
-
आदित्य प्रताप सिंह (30 वर्ष) – आगरा निवासी, पिता जितेंद्र पाल सिंह यूपी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं।
-
गौतम (31 वर्ष) – सोनीपत निवासी, वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में रह रहे थे।
-
लावण्या (26 वर्ष) – आगरा निवासी।
-
सोनी (26 वर्ष) – पहचान पूरी तरह स्पष्ट नहीं।
घायल:
-
कपिल शर्मा (28 वर्ष) – बुलंदशहर निवासी, फिलहाल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती।
गाड़ी का पूरा सच
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि जिस थार (UP 81 CS 2319) से हादसा हुआ, वह कार किसी भी मृतक या घायल के नाम पर दर्ज नहीं थी।
-
यह कार कम से कम 4 बार बिक चुकी है।
-
मौजूदा मालिक की पहचान की जा रही है।
-
गाड़ी पहले विष्णु नाम के व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसने इसे अपने दोस्त आकाश के लिए खरीदा था। बाद में यह गाड़ी अलीगढ़ के ही रितिक को किराए पर दे दी गई।
1900 से ज्यादा चालान!
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि जनवरी 2025 से सितंबर तक इस थार पर 1947 ओवरस्पीडिंग चालान कट चुके हैं। ज्यादातर चालान नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद में हुए। कई चालान अभी पेंडिंग हैं और कुछ कोर्ट में विचाराधीन हैं। अलीगढ़ के आरटीओ के अनुसार, जुलाई 2022 में भी इस कार पर गुड़गांव में चालान हुआ था।
इतनी बड़ी संख्या में चालान होने के बावजूद यह गाड़ी लगातार सड़क पर दौड़ती रही। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ट्रैफिक नियमों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हुई?