डेस्क: 25 साल का रोहन। IIT पासआउट। 2 साल से जॉब ढूँढ रहा है। हर महीने 18,000 की EMI – बाइक की। पापा का मैसेज: “बेटा, घर का किराया भी भेज दे।” रात 3 बजे नींद खुली – सोचा: “अगर कल जॉब न मिली… तो मैं मर क्यों नहीं जाता?
जॉब सिक्योरिटी गई, सपने गिरवी रख दिए
पहले नौकरी मिलती थी – स्थायी वाली। अब? कॉन्ट्रैक्ट, फ्रीलांस, “ऑपर्चुनिटी”। 90% युवा कहते हैं: “मुझे पता नहीं, अगले महीने सैलरी आएगी या नहीं।”
आज का युवा क्या जी रहा है?
- EMI का बोझ: फोन, लैपटॉप, बाइक – सब किश्तों में।
- रेंट का डर: “अगले महीने घर खाली करना पड़ेगा?”
- पेरेंट्स प्रेशर: “शादी कब करोगे? घर कब लोगे?”
NIMHANS रिपोर्ट 2025: 70% युवाओं में एंग्जाइटी – वजह? आर्थिक असुरक्षा। हर 3 में से 1 ने सोचा: “आत्महत्या कर लूँ।”
सोचिए: अगर आपका बेटा रोज सोचे “मैं फेलियर हूँ”… तो क्या ये आज़ादी है?
वो कहानी जो आपके सीने में चाकू घोंप दे – “लास्ट EMI”
प्रिया, 27 साल। बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर। सैलरी: 80K। EMI: 45K (फ्लैट + कार)। एक दिन कंपनी ने कहा: “Layoff. 30 दिन का नोटिस।” प्रिया ने मकान मालिक को बोला: “एक महीना और…” मालिक: “नहीं। खाली करो।” रात 1 बजे। प्रिया बालकनी में। फोन पर आखिरी मैसेज माँ को: “मम्मी, मैंने कोशिश की… लेकिन EMI ने मुझे मार डाला।”
सुबह 6 बजे। पड़ोसी ने दरवाजा खटखटाया। प्रिया जा चुकी थी। टेबल पर नोट: “मेरा सपना EMI में बंध गया था।”
आपका सबकॉन्शियस अभी रो रहा है: “क्या मेरे बच्चे के साथ भी यही होगा?”
बचाव का रास्ता – 3 कदम, जो आज से शुरू हों
आर्थिक असुरक्षा को मानसिक बीमारी न बनने दें।
तुरंत करें ये 3 काम:
- EMI कैलकुलेटर बंद करें – जरूरत की चीज पहले, शान की बाद में।
- इमरजेंसी फंड बनाएँ – 6 महीने का खर्चा सेविंग में।
- मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता – हर महीने काउंसलर से बात।
कंपनीज़ का रोल:
- जॉब सिक्योरिटी पॉलिसी – 3 महीने का नोटिस पीरियड।
- मेंटल हेल्थ लीव – बिना सवाल के।
याद रखें: सपना EMI में नहीं, खुद की काबिलियत में बंधता है।
निष्कर्ष
आज रात अपने बच्चे से पूछिए: “बेटा, तुम्हारा सपना क्या है… और क्या वो EMI में बंधा है?”अगर जवाब “हाँ” है – तो आज से EMI नहीं, सपनों की सैर शुरू करें। क्योंकि युवा का सपना गिरवी नहीं, आज़ाद होना चाहिए।
FAQ
Q1: EMI कैसे कम करें? A: पुरानी चीजें बेचें। दूसरी जॉब लें। 50-30-20 रूल फॉलो करें (50% जरूरत, 30% चाहत, 20% सेविंग)
Q2: जॉब सिक्योरिटी कैसे बढ़ाएँ? A: स्किल अपग्रेड करें। फ्रीलांसिंग शुरू करें। नेटवर्किंग बढ़ाएँ।
Q3: डिप्रेशन में क्या करें? A: YourDOST, 1to1help जैसे प्लेटफॉर्म पर फ्री काउंसलिंग लें। हेल्पलाइन: 9152987821



