https://whatsapp.com/channel/0029VajZKpiKWEKiaaMk4U3l
BusinessTrending
Trending

हर सपना EMI में बंध गया है-“बेटा, घर का किराया भी भेज दे।”

पहले नौकरी मिलती थी – स्थायी वाली। अब? कॉन्ट्रैक्ट, फ्रीलांस, “ऑपर्चुनिटी”। 90% युवा कहते हैं: “मुझे पता नहीं, अगले महीने सैलरी आएगी या नहीं।”

 डेस्क: 25 साल का रोहन। IIT पासआउट। 2 साल से जॉब ढूँढ रहा है। हर महीने 18,000 की EMI – बाइक की। पापा का मैसेज: “बेटा, घर का किराया भी भेज दे।” रात 3 बजे नींद खुली – सोचा: “अगर कल जॉब न मिली… तो मैं मर क्यों नहीं जाता?

जॉब सिक्योरिटी गई, सपने गिरवी रख दिए

पहले नौकरी मिलती थी – स्थायी वाली। अब? कॉन्ट्रैक्ट, फ्रीलांस, “ऑपर्चुनिटी”90% युवा कहते हैं: “मुझे पता नहीं, अगले महीने सैलरी आएगी या नहीं।”

आज का युवा क्या जी रहा है?

  • EMI का बोझ: फोन, लैपटॉप, बाइक – सब किश्तों में।
  • रेंट का डर: “अगले महीने घर खाली करना पड़ेगा?”
  • पेरेंट्स प्रेशर: “शादी कब करोगे? घर कब लोगे?”

NIMHANS रिपोर्ट 2025: 70% युवाओं में एंग्जाइटी – वजह? आर्थिक असुरक्षाहर 3 में से 1 ने सोचा: “आत्महत्या कर लूँ।”

सोचिए: अगर आपका बेटा रोज सोचे “मैं फेलियर हूँ”… तो क्या ये आज़ादी है?

वो कहानी जो आपके सीने में चाकू घोंप दे – “लास्ट EMI”

प्रिया, 27 साल। बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर। सैलरी: 80K। EMI: 45K (फ्लैट + कार)। एक दिन कंपनी ने कहा: “Layoff. 30 दिन का नोटिस।” प्रिया ने मकान मालिक को बोला: “एक महीना और…” मालिक: “नहीं। खाली करो।” रात 1 बजे। प्रिया बालकनी में। फोन पर आखिरी मैसेज माँ को: “मम्मी, मैंने कोशिश की… लेकिन EMI ने मुझे मार डाला।”

सुबह 6 बजे। पड़ोसी ने दरवाजा खटखटाया। प्रिया जा चुकी थी। टेबल पर नोट: “मेरा सपना EMI में बंध गया था।”

आपका सबकॉन्शियस अभी रो रहा है: “क्या मेरे बच्चे के साथ भी यही होगा?”

बचाव का रास्ता – 3 कदम, जो आज से शुरू हों

आर्थिक असुरक्षा को मानसिक बीमारी न बनने दें।

तुरंत करें ये 3 काम:

  1. EMI कैलकुलेटर बंद करें – जरूरत की चीज पहले, शान की बाद में।
  2. इमरजेंसी फंड बनाएँ – 6 महीने का खर्चा सेविंग में।
  3. मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता – हर महीने काउंसलर से बात।

कंपनीज़ का रोल:

  • जॉब सिक्योरिटी पॉलिसी – 3 महीने का नोटिस पीरियड।
  • मेंटल हेल्थ लीव – बिना सवाल के।

याद रखें: सपना EMI में नहीं, खुद की काबिलियत में बंधता है।

निष्कर्ष

आज रात अपने बच्चे से पूछिए: “बेटा, तुम्हारा सपना क्या है… और क्या वो EMI में बंधा है?”अगर जवाब “हाँ” है – तो आज से EMI नहीं, सपनों की सैर शुरू करें। क्योंकि युवा का सपना गिरवी नहीं, आज़ाद होना चाहिए।

FAQ

Q1: EMI कैसे कम करें? A: पुरानी चीजें बेचें। दूसरी जॉब लें। 50-30-20 रूल फॉलो करें (50% जरूरत, 30% चाहत, 20% सेविंग)

Q2: जॉब सिक्योरिटी कैसे बढ़ाएँ? A: स्किल अपग्रेड करें। फ्रीलांसिंग शुरू करें। नेटवर्किंग बढ़ाएँ।

Q3: डिप्रेशन में क्या करें? A: YourDOST, 1to1help जैसे प्लेटफॉर्म पर फ्री काउंसलिंग लें। हेल्पलाइन: 9152987821

PRAGATI DIXIT
Author: PRAGATI DIXIT

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!