
Health News: करवा चौथ का त्योहार नजदीक है और यह सुहागिन महिलाओं के लिए साल के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए (निर्जला) व्रत रखती हैं। यह व्रत आस्था और प्रेम का प्रतीक है, लेकिन जब बात गर्भवती महिलाओं की आती है, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या गर्भावस्था के दौरान इस तरह का कठोर निर्जला व्रत रखना सुरक्षित है? इस विषय पर, हमने स्त्री रोग विशेषज्ञों से बात की ताकि यह समझा जा सके कि प्रेग्नेंसी में करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं, और अगर हां, तो किन सावधानियों के साथ।
प्रेग्नेंसी में निर्जला व्रत क्यों हो सकता है खतरनाक?
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा मीना गुप्ता के अनुसार, गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था है जब एक महिला के शरीर को न केवल अपने लिए, बल्कि अपने गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी अतिरिक्त पोषण, पानी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक भूखा-प्यासा रहने से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका मां और बच्चे दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। डिहाइड्रेशन के कारण चक्कर आना, बेहोशी, सिरदर्द और रक्तचाप में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर में कीटोन (ketones) नामक हानिकारक एसिड बन सकते हैं, जो बच्चे के लिए ठीक नहीं हैं।
इन 5 स्थितियों में गर्भवती महिलाओं को बिल्कुल नहीं रखना चाहिए व्रत
डॉक्टरों का कहना है कि हर गर्भावस्था अलग होती है। जहां एक स्वस्थ गर्भावस्था वाली महिला शायद डॉक्टर की सलाह से कुछ घंटों का व्रत रख भी ले, वहीं कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं, जिनमें व्रत रखना मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी: यदि आपकी गर्भावस्था को डॉक्टर ने ‘हाई-रिस्क’ बताया है, जैसे कि गर्भ में एक से अधिक बच्चे होना (जुड़वां या तीन), प्लेसेंटा की कोई समस्या होना या पहले कोई गर्भपात हो चुका हो, तो आपको व्रत रखने से पूरी तरह बचना चाहिए।
गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes): अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज की समस्या है, तो व्रत रखना आपके ब्लड शुगर के स्तर को खतरनाक रूप से ऊपर-नीचे कर सकता है, जो बच्चे के लिए बहुत हानिकारक है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): जिन गर्भवती महिलाओं को हाई बीपी की समस्या है, उन्हें निर्जला व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए। पानी की कमी से ब्लड प्रेशर और भी बिगड़ सकता है।
एनीमिया (खून की कमी): भारत में ज्यादातर गर्भवती महिलाएं खून की कमी से पीड़ित होती हैं। ऐसे में व्रत रखने से कमजोरी और चक्कर आने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
पहली तिमाही (First Trimester): गर्भावस्था के पहले तीन महीने बच्चे के अंगों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान उल्टी और जी मिचलाने की समस्या भी आम होती है। ऐसे में निर्जला व्रत रखने से स्थिति और बिगड़ सकती है।