
करसोग में तीन की मौत, कई लापता
करसोग उपमंडल से अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चूका है और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
फोरलेन मार्ग पूरी तरह बंद, यात्री फंसे
लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से कीरतपुर-मनाली फोरलेन पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके चलते कई सुरंगों और रास्तों में लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा फंसे हुए यात्रियों को पानी जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर
लारजी और पंडोह डैम के गेट खोल दिए गए हैं क्योंकि ब्यास नदी में पानी की आवक 1.68 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई है। बिजली उत्पादन को अस्थायी रूप से रोका गया है ताकि जलाशयों का संतुलन बना रहे। साथ ही कोल डैम से भी अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है।
धर्मपुर में तबाही, खेत और पशुधन दोनों बर्बाद
धर्मपुर के लौंगनी गांव में बादल फटने से 10 से अधिक घर और गौशालाएं बह गईं। अब तक पांच मवेशियों की मौत की पुष्टि हुई है। साथ ही, खेतों में खड़ी फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रभावित हो चुकी हैं।
मंडी शहर की स्थिति भी चिंताजनक
मंडी शहर में भी हालात गंभीर हैं। थनेहड़ा इलाके में एक नाले के अवरुद्ध हो जाने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया, जिससे कई घरों में पानी भर गया। प्रशासन ने नगर निगम के सहयोग से रातभर रेस्क्यू चलाया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी: अगले 48 घंटे चिंताजनक
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। सोमवार रात पद्धर में कुष्ठ रोगियों के आश्रम में पानी घुस गया, लेकिन पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
मुख्यमंत्री की निगरानी और रेस्क्यू में तेजी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत और बचाव अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि विशेष बचाव दलों को तैनात किया गया है और नुकसान का आकलन लगातार किया जा रहा है। कुल्लू जिले के स्याज क्षेत्र से 9 लोगों के बहने की सूचना भी आ रही है।