पाकिस्तान की जेल से इमरान खान का सुप्रीम कोर्ट को पत्र, चुनाव धांधली और न्यायपालिका पर लगाए गंभीर आरोप

डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान ने जेल से देश के प्रधान न्यायाधीश याह्या अफरीदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में उन्होंने 2024 के आम चुनाव में धांधली, न्यायपालिका की निष्पक्षता और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर चिंता जताई है।
यह पत्र 16 सितंबर को लिखा गया था और इसे सुप्रीम कोर्ट में PTI सांसद लतीफ खोसा ने पेश किया। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट को लंबित याचिकाओं की सुनवाई जल्द कराने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि कई अहम याचिकाएँ “अनिश्चितता के भंवर” में फंसी हुई हैं।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट पर निशाना
खान ने अपने पत्र में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सरफराज डोगर के कथित “पक्षपातपूर्ण रवैये” पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि डोगर 26वें संशोधन के चलते अपने पद पर हैं और उन्होंने जानबूझकर अल-कादिर ट्रस्ट और तोशाखाना से जुड़ी याचिकाओं का निपटान टाल दिया।
खान ने आरोप लगाया—“न्यायमूर्ति डोगर ने निष्पक्षता को पूरी तरह छोड़ दिया है और अदालत को मेरे तथा मेरे सहयोगियों के खिलाफ दमनकारी अभियान का औजार बना दिया है।”
“जनता का जनादेश चुराया गया”
क्रिकेटर से नेता बने 72 वर्षीय इमरान खान पिछले दो साल से रावलपिंडी की आडियाला जेल में कैद हैं। उन्होंने पत्र में दावा किया कि तमाम दमन और खुद जेल में बंद रहने के बावजूद उनकी पार्टी PTI ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी।
खान ने लिखा—“जनता का जनादेश रातों-रात छीन लिया गया। लोकतंत्र को मज़ाक बना दिया गया और संविधान को बलि का बकरा बना दिया गया।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि 2024 के चुनावों पर राष्ट्रमंडल (Commonwealth) पर्यवेक्षक समूह की लीक रिपोर्ट ने भी चुनावी गड़बड़ियों की पुष्टि की है।
हालांकि, राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक समूह (COG) की आधिकारिक रिपोर्ट अब तक जारी नहीं की गई है। मीडिया में यह खबर आई थी कि रिपोर्ट में धांधली का ज़िक्र होने के कारण उसे दबा दिया गया। इमरान खान का आरोप है कि “26वें संविधान संशोधन” का इस्तेमाल चुनावी धांधली को वैध ठहराने के लिए किया गया, जबकि इस संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाएँ अभी तक सुप्रीम कोर्ट में पड़ी हैं।
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