भारत-ब्राजील रक्षा साझेदारी: ट्रंप की नाराज़गी के बीच आकाश मिसाइल डील पर आगे बढ़ा भारत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ब्राजील से नाराज़गी के बावजूद भारत ने एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाते हुए आकाश मिसाइल सिस्टम ब्राजील को बेचने का प्रस्ताव दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में ब्राजील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन और रक्षा मंत्री जोस मूसियो मोंटेरो से मुलाकात कर इस डील पर चर्चा की। बैठक में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग, संयुक्त उत्पादन और सैन्य प्रशिक्षण पर सहमति जताई।
आकाश मिसाइल भारत की स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह दुश्मन के ड्रोन, विमान और क्रूज़ मिसाइल को 45 किलोमीटर दूर से ही निशाना बना सकती है। मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के कई ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर अपनी ताकत साबित की थी।
भारत और ब्राजील 2003 से रणनीतिक साझेदार हैं और दोनों G20 व BRICS जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साथ काम करते हैं। ब्राजील दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश है और अपनी हवाई रक्षा को मजबूत बनाना चाहता है। भारत की आकाश मिसाइल उसके लिए एक सस्ती और भरोसेमंद तकनीक है। साथ ही, यह भारत को वैश्विक हथियार निर्यात बाजार में मजबूत स्थिति दिला सकती है। भारत का लक्ष्य 2025 तक 25,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का है।
इस डील के बीच एक दिलचस्प राजनीतिक एंगल यह भी है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई 2025 में ब्राजील पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। ऐसे में भारत का ब्राजील के करीब जाना, अमेरिका के दबाव के बावजूद स्वतंत्र विदेश नीति का संकेत देता है।
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अगर यह सौदा पक्का होता है तो भारत न सिर्फ ब्राजील बल्कि पूरे दक्षिण अमेरिकी रक्षा बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा लेगा। यह दिखाता है कि भारत अब केवल हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि उन्हें बेचने वाला राष्ट्र बन चुका है।
“मेक इन इंडिया” के तहत बनी आकाश मिसाइल अब दुनिया के आसमान में भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन रही है।



