Bihar Voter list: 65 लाख नाम हटाए गए, सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाने की प्रक्रिया की सफाई दी, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया

Bihar Voter list: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े बदलाव का मामला गरमाया हुआ है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के दौरान 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इस मामले में आज, 22 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है। यह विवाद मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया को लेकर है।
वोटर लिस्ट से क्यों हटाए गए 65 लाख नाम?
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के पीछे कई कारण हैं। इनमें 22 लाख लोग मृत, 36 लाख लोग बिहार से बाहर चले गए, और 7 लाख लोगों के नाम दो बार दर्ज थे। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को साफ और सटीक बनाने के लिए की गई है। लेकिन विपक्षी दलों ने इसे ‘वोट चोरी’ का नाम दिया और आरोप लगाया कि गरीब और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि 65 लाख हटाए गए मतदाताओं की सूची और उनके नाम हटाने का कारण जिला वेबसाइटों पर 19 अगस्त तक डाल दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि उनका नाम क्यों हटाया गया। साथ ही, आयोग को आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज स्वीकार करने को कहा गया है। यह सुनवाई आज भी जारी रहेगी, जिसमें और फैसले हो सकते हैं।
विपक्ष का विरोध और जनता की चिंता
विपक्षी नेता, जैसे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी, ने इस प्रक्रिया को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। उन्होंने दावा किया कि गरीब, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को वोटिंग के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। बिहार के कई गांवों में लोग चिंतित हैं कि उनका नाम लिस्ट से हट गया है। कई लोगों को यह भी नहीं पता कि नाम हटाने की प्रक्रिया कैसे हुई।
आप क्या कर सकते हैं?
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया है, तो घबराएं नहीं। आप 1 सितंबर 2025 तक अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट (voters.eci.gov.in) पर जाकर अपना नाम चेक करें और फॉर्म 6 भरकर सुधार करवाएं।