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नई दिल्ली:संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) योजना पटेल ने पाकिस्तान पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने पाकिस्तान को ‘दुष्ट देश’ करार देते हुए कहा कि वह आतंकवाद को पनाह देता है और पूरे दक्षिण एशिया में अशांति फैलाता है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी बैठक में योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया इंटरव्यू का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने खुद स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकियों को ट्रेनिंग और फंडिंग देता रहा है।
योजना पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की स्वीकारोक्ति के बाद अब किसी और प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब खुद पाकिस्तान के मंत्री यह मान रहे हैं कि उनके देश ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, तो इससे पाकिस्तान की असलियत पूरी दुनिया के सामने आ गई है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि अब इस खतरे से मुंह नहीं मोड़ा जाना चाहिए।
योजना पटेल ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने कहा कि यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे बड़ा आतंकी हमला है। पटेल ने बताया कि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है, और पाकिस्तान के मंत्री द्वारा की गई स्वीकारोक्ति कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान पहले भी आतंकियों को पनाह और समर्थन देता रहा है और आज भी वही कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में योजना पटेल ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि एक देश के प्रतिनिधियों ने इस मंच का दुरुपयोग करते हुए भारत पर झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत को समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों का आभार जताया और कहा कि भारत कभी आतंकवाद के पीड़ितों को नहीं भूलेगा तथा उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा।
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का वह इंटरव्यू है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने पिछले 30 साल से आतंकवाद को समर्थन और फंडिंग दी है। उन्होंने कहा कि यह ‘गंदा काम’ पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए किया है। आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा अब खत्म हो चुका है, हालांकि उन्होंने माना कि पहले इस आतंकी संगठन का पाकिस्तान से संबंध रहा है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के इन बयानों और आतंकवाद को समर्थन देने की नीति को उजागर करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाए और इस वैश्विक खतरे को नजरअंदाज न किया जाए।
