‘ब्लड मनी’ से बचेगी निमिषा प्रिया की जान? सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार!

केरल की एक नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी मामले में सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई के लिए तैयार हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। गौरतलब है कि केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जानी है। निमिषा के बचाव के लिए याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार निमिषा की जान बचाने के लिए कूटनीतिक रास्तों का इस्तेमाल करे। 38 वर्षीय निमिषा की जिंदगी अब भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है।
क्या है मामला
यमन की राजधानी सना की जेल में बंद निमिषा प्रिया पर 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप है। इस मामले ने निमिषा को साल 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। सजा को लेकर 2023 में उनकी आखिरी अपील भी खारिज कर दी गई थी। अब भारत में निमिषा को बचाने के तरीके खोजे जा रहे है। इसे लेकर SC में एक याचीका दाखिल की गयी है और इस मामले पर दखल देने की अपील की गयी है। कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल की मदद मांगी है और याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह याचिका की कॉपी अटॉर्नी जनरल को सौंपे। ‘सेव निमिषा प्रिया –इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ नामक संगठन ने इस मामले को उठाया है। ये संगठन निमिषा को कानूनी मदद देने की कोशिश कर रहा है।
बचाव का तरीका
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में वकील सुभाष चंद्रन केआर ने कहा, शरिया कानून के मुताबिक, मृतक के परिवार को ‘ब्लड मनी’ देकर निमिषा को माफी दिलाई जा सकती है। मृतक का परिवार अगर इस पैसे को लेने के लिए तैयार हो जाता है तो निमिषा की सजा माफ हो सकती है। वकील ने इस पर जल्द से जल्द कूटनीतिक कदम उठाने की बात रखी है।



