Bihar News: नशामुक्ति की नायिकाएं, जीविका दीदियां बनीं समाज सुधार की अगुवा
जीविका दीदियां गांवों में नशामुक्ति और सामाजिक जागरूकता फैलाकर बदलाव ला रही हैं

Bihar News: बिहार में जीविका दीदियां नशामुक्ति और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रही हैं। ये महिलाएं गांव-गांव जाकर नशे के खिलाफ जागरूकता फैला रही हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। नुक्कड़ नाटक, चौपाल और सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिए ये दीदियां लोगों को नशे की बुराइयों के बारे में बता रही हैं। इनके प्रयासों से बिहार के ग्रामीण इलाकों में नशामुक्त समाज की नींव रखी जा रही है।
जीविका दीदियां: नशामुक्ति की नई उम्मीद
जीविका दीदियां, जो बिहार सरकार की जीविका परियोजना का हिस्सा हैं, नशे के खिलाफ एक मजबूत मुहिम चला रही हैं। कोशी-मालबारी परियोजना के तहत ये महिलाएं नुक्कड़ नाटकों के जरिए नशे की लत छोड़ने का संदेश दे रही हैं। इनके नाटक और चौपाल इतने सरल और प्रभावी हैं कि गांव के लोग आसानी से समझ जाते हैं। ये दीदियां नशे के दुष्प्रभावों को कहानियों और नाटकों के माध्यम से समझाती हैं, जिससे ग्रामीणों का मन बदल रहा है।
महिला सशक्तिकरण का नया चेहरा
जीविका दीदियां केवल नशामुक्ति तक सीमित नहीं हैं। ये महिलाएं खेती, शिक्षा और स्वरोजगार के क्षेत्र में भी काम कर रही हैं। हाल ही में 800 जीविका दीदियों को कृषि सखी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। ये दीदियां अब गांवों में जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक सिखा रही हैं। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ रही है। इनके प्रयासों से महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं और समाज में अपनी मजबूत पहचान बना रही हैं।
सामाजिक बदलाव की मशाल
जीविका दीदियों की मेहनत से बिहार के गांवों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। नशामुक्ति के साथ-साथ ये दीदियां सामाजिक बुराइयों जैसे बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी जागरूकता फैला रही हैं। इनके कार्यक्रमों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हो रहे हैं। गांवों में चौपाल के दौरान लोग खुलकर अपनी समस्याएं बताते हैं और दीदियां उनका समाधान सुझाती हैं। इनके प्रयासों से बिहार के ग्रामीण समाज में एक नई जागरूकता और आत्मविश्वास का माहौल बन रहा है।