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Jharkhand News: झारखंड सूचना आयोग ठप, 25,000 मामले लंबित, आरटीआई कार्यकर्ताओं ने उठाई नियुक्ति की मांग

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Jharkhand News: झारखंड में सूचना आयोग पिछले पांच साल से पूरी तरह ठप है। मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के सभी पद खाली हैं, जिसके कारण 25,000 से ज्यादा आरटीआई मामले लंबित पड़े हैं। रांची में हुए एक कार्यक्रम में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व नेता प्रतिपक्ष से मिलकर जल्द नियुक्ति की मांग करने का फैसला किया।
आरटीआई कार्यकर्ताओं की चिंता
रांची प्रेस क्लब में सूचना का अधिकार अधिनियम के 20 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यशाला में राज्य के 19 जिलों से आए आरटीआई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। पूर्व सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि आरटीआई कानून प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का मजबूत हथियार है। लेकिन 8 मई 2020 से झारखंड में सूचना आयोग निष्क्रिय है, क्योंकि कोई आयुक्त नहीं है। कार्यकर्ताओं ने इसे जनता के अधिकारों पर हमला बताया।
सूचना नहीं मिलने से बढ़ रही परेशानी
आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि सूचना आयोग के बंद होने से जनता को जरूरी जानकारी नहीं मिल रही। पहले इस कानून के जरिए भ्रष्टाचार और प्रशासनिक गड़बड़ियों के कई मामले सामने आए थे। लेकिन अब जन सूचना पदाधिकारी पूरी जानकारी नहीं दे रहे, और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी भी मदद नहीं कर पा रहे। द्वितीय अपील के दरवाजे बंद होने से लोग परेशान हैं। कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि सूचनाओं को दबाने की कोशिश हो रही है।
मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को सौंपा जाएगा ज्ञापन
कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और नेता प्रतिपक्ष से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे। उनकी मांग है कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की जल्द नियुक्ति हो। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इन पदों पर पुराने प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति न की जाए, क्योंकि उनके साथ काम कर चुके लोग ही जन सूचना पदाधिकारी हैं, जो निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।
सूचना का अधिकार हो रहा कमजोर
झारखंड में सूचना आयोग की निष्क्रियता से आरटीआई कानून कमजोर हो रहा है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर जल्द नियुक्तियां नहीं हुईं, तो यह कानून पूरी तरह बेकार हो जाएगा। वे चाहते हैं कि सरकार तुरंत कदम उठाए ताकि जनता को उनका हक मिल सके। यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जिसने भी सरकार को नियुक्तियों के लिए निर्देश दिए हैं।
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Sudhanshu Tiwari
Author: Sudhanshu Tiwari

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